Press Trust of India | November 26, 2025 | 05:35 PM IST | 1 min read
एनटीसीपीडब्ल्यूसी के प्रमुख के. मुरली ने कहा, यह प्रणाली भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देगी तथा आयात पर निर्भरता कम करेगी।

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (IIT Madras) के शोधकर्ताओं ने देश की पहली स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित की है और इसे बंदरगाहों में उपयोग में लाया जा रहा है। पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा उल्लेखित आवश्यकताओं के आधार पर आईआईटी मद्रास स्थित राष्ट्रीय बंदरगाह, जलमार्ग और तट प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) ने इस प्रणाली को तैयार किया है।
एनटीसीपीडब्ल्यूसी के प्रमुख के. मुरली के अनुसार, यह प्रणाली भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देगी तथा आयात पर निर्भरता कम करेगी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी प्रणाली से पोत की आवाजाही से संबंधित रणनीतिक डेटा के लीक होने का खतरा नहीं होता।
मुरली ने कहा, “यह प्रणाली आसानी से उन्नत की जा सकती है ताकि संबंधित हितधारकों की लगातार बदलती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और इसमें वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल किया जा सके। यह प्रणाली पहले ही केरल में स्थित विझिंजम इंटरनेशनल सीपोर्ट लिमिटेड (वीआईएसएल) में लागू कर दी गई है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई में किया था।”
उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी तट पर स्थित दो अन्य बंदरगाह भी इस प्रणाली को लागू करने के लिए आईआईटी मद्रास से बातचीत कर रहे हैं। स्वदेशी पोत यातायात प्रबंधन का एक प्रमुख लाभ यह है कि सरकार के पास इसके स्रोत कोड, डेटाबेस और समाधान के विभिन्न पहलुओं पर पूरा रणनीतिक नियंत्रण होता है।’’