Press Trust of India | May 25, 2025 | 03:48 PM IST | 1 min read
वामपंथी ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन' (आइसा) ने छात्रों से प्रवेश परीक्षा की बहाली के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी।
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) द्वारा आयोजित ‘जनमत संग्रह’ में भाग लेने वाले छात्रों ने पीएचडी के लिए विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को फिर से शुरू करने के पक्ष में भारी मतदान किया है। विश्वविद्यालय परिसर के छात्रावास क्षेत्रों में शनिवार (24 मई, 2025) को मतदान किया गया।
शनिवार को 5 पांच बजे से रात 10 बजे तक हुए मतदान में कुल 1,424 वोट डाले गए, जिनमें से 1,323 वोट जेएनयूईई को फिर से शुरू करने के पक्ष में पड़े। कुल 96 छात्रों ने इसके खिलाफ मतदान किया, जबकि पांच मतों को अमान्य घोषित किया गया।
विश्वविद्यालय छात्र संघ ने एक बयान जारी कर 2025 में दाखिले के लिए आंतरिक पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के अपने वादे से कथित रूप से पीछे हटने के लिए जेएनयू की कुलपति की आलोचना की। कुलपति ने यह वादा 16 दिनों की भूख हड़ताल के दौरान किया था।
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जेएनयूएसयू ने बयान में कहा, ‘‘कुलपति अपने वादे से पीछे हट गईं। जेएनयू की कुलपति ने स्कूलों के डीन और विशेष केंद्रों के अध्यक्षों की राय को जानबूझकर नजरअंदाज किया, जबकि वे जेएनयूईई के पक्ष में थे।” वामपंथी ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन' (आइसा) ने छात्रों से प्रवेश परीक्षा की बहाली के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी।
बता दें, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के पास जेएनयूएसयू का अध्यक्ष पद है। नीतीश कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि पीएचडी में दाखिला प्रवेश परीक्षा के जरिए हो, यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग)- नेट (राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) के आधार पर नहीं। यह हमारी पुरानी मांग है।’’
जेएनयूएसयू के सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर किए गए पोस्ट के अनुसार, “छात्रावास क्षेत्रों में 10 बूथों पर जनमत संग्रह हुआ, जिसमें नर्मदा, CBH, कोयना-शिप्रा, गोदावरी ढाबा, साबरमती ढाबा, गंगा हॉस्टल, लोहित हॉस्टल, माही-मांडवी लॉन,बीपीएच और सतलुज छात्रावास बूथ शामिल है।”