Santosh Kumar | April 26, 2024 | 02:28 PM IST | 2 mins read
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने कहा कि यह निर्णय नई प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की इच्छा से प्रेरित है, जो नवीनतम ज्ञान से लैस हैं। यह पुराने छात्रों को भी प्रवेश पाने का अवसर प्रदान करता है।
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने विदेशी भाषाओं में 3-वर्षीय बीए (ऑनर्स) पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में 80% कोटा देने के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। न्यायालय ने जेएनयू की प्रवेश नीति को बरकरार रखा है, यह उन छात्रों के लिए है जिन्होंने प्रवेश लेने के वर्ष या पिछले वर्ष में बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। जेएनयू में शेष 20% सीटें अन्य सभी उम्मीदवारों को दी जाती हैं।
न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने कहा कि यह निर्णय नई प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की इच्छा से प्रेरित है, जो नवीनतम ज्ञान से लैस हैं। यह पुराने छात्रों को भी प्रवेश पाने का अवसर प्रदान करता है। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला साफ तौर पर जेएनयू की अकादमिक नीति के दायरे में आता है। यह किसी भी बाध्यकारी वैधानिक प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।
उच्च न्यायालय शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 के लिए जेएनयू की प्रवेश नीति के खंड 12 की वैधता को चुनौती देने वाले एक छात्र द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। न्यायालय ने कहा, "नीति न तो मनमानी है और न ही मनमौजी है, क्योंकि यह एक तार्किक और लाभकारी शैक्षिक उद्देश्य को पूरा करती है।"
JNU Admission Policy की धारा 12 में बीए में प्रवेश के लिए नीति के बारे में लिखा है। इसमें कहा गया है कि 3-वर्षीय बीए (ऑनर्स) के पहले वर्ष में 80% सीटें फ्रेशर छात्रों के लिए आरक्षित हैं।
स्कूल ऑफ लैंग्वेज, लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज में (ऑनर्स) कार्यक्रम उन लोगों के लिए निर्धारित किया गया है, जिन्होंने प्रवेश के वर्ष या पिछले वर्ष में सीनियर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट (10 + 2) या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है।
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दरअसल, शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के लिए विदेशी भाषाओं में बीए (ऑनर्स) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए लागू जेएनयू की प्रवेश नीति और प्रक्रिया के खंड 12 की वैधता को वैभव नाम के एक छात्र ने अदालत में चुनौती दी थी। वैभव एससी वर्ग से थे और उन्होंने 2021 में 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
उन्हें विश्वविद्यालय (चीनी पाठ्यक्रम) में प्रवेश नहीं दिया गया क्योंकि दो साल पहले 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करने के कारण उन्हें 2021 में कोड II में रखा गया था। उसके स्थान पर दूसरे एससी वर्ग के छात्र को प्रवेश दे दिया गया, क्योंकि उक्त छात्र कोड 1 में था।
जेएनयू बीए (ऑनर्स) 3-वर्षीय कार्यक्रम में प्रवेश के लिए शेष 20% सीटें उन लोगों के लिए खुली हैं जो अन्यथा पात्रता आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। ये सीटें कोड-II श्रेणी के अंतर्गत आती हैं। इस आरक्षण नीति को जेएनयू प्रवेश मानदंड 2024-25 में नहीं बदला गया है। इस कार्यक्रम के लिए आवेदन करने के लिए कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है।