JEE Main 2025 Shift 2 Analysis: जेईई मेन 23 जनवरी शिफ्ट 2 का कठिनाई स्तर आसान से मध्यम, जानें विषयवार विश्लेषण
Santosh Kumar | January 23, 2025 | 09:28 PM IST | 2 mins read
छात्रों के अनुसार, जेईई मेन 23 जनवरी शिफ्ट 2 की कठिनाई के आधार पर विषयों की रैंकिंग इस प्रकार है: गणित> रसायन विज्ञान> भौतिकी।
नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने आज यानी 23 जनवरी को जेईई मेन 2025 सेशन 1 की परीक्षा का दूसरा दिन पूरा कर लिया है। एनटीए ने जेईई मेन 2025 सेशन 1 शिफ्ट 2 की परीक्षा दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक आयोजित की। यह परीक्षा भारत के 284 परीक्षा शहरों और विदेश के 15 शहरों में सीबीटी मोड में आयोजित की गई थी। परीक्षा में शामिल हुए छात्रों के अनुसार, एनटीए जेईई मेन शिफ्ट 2 के पेपर का कठिनाई स्तर आसान से मध्यम था।
आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड के अनुसार, शाम की शिफ्ट में तीन विषयों में से भौतिकी सबसे आसान थी, उसके बाद रसायन विज्ञान। हालांकि, छात्रों को लंबी गणनाओं के कारण गणित के कुछ प्रश्न थोड़े कठिन लगे।
प्रश्न और अध्याय समान रूप से कवर किए गए थे। कई औसत छात्रों को गणित अनुभाग समय लेने वाला लगा। छात्रों के अनुसार, कठिनाई के मामले में विषयों की रैंकिंग इस प्रकार है: गणित> रसायन विज्ञान> भौतिकी।
JEE Main 2025 Shift 2 Analysis: छात्रों की प्रतिक्रिया
एनटीए जेईई मेन्स 2025 में शामिल होने वाले छात्र विमल कुमार ने परीक्षा केंद्र से बाहर निकलते समय करियर्स360 को बताया कि परीक्षा का कठिनाई स्तर मध्यम था। उन्होंने कहा कि रसायन विज्ञान सबसे आसान था।
जेईई मेन्स 2025 की 23 जनवरी की शिफ्ट 2 परीक्षा में शामिल हुए श्रेय ने कहा, "पेपर काफी आसान था। गणित भी आसान था। कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं थी और शिक्षकों ने छात्रों को उनके कमरों तक पहुंचने में मदद की।"
परीक्षा देकर निकली एक छात्रा ने कहा, "गणित बहुत मुश्किल था, भौतिकी ठीक-ठाक थी, और रसायन शास्त्र बहुत आसान लगा।" सवालों का वितरण लगभग बराबर था, लेकिन कुछ अध्यायों से कोई सवाल नहीं आया।
Also read JEE Main Admit Card 2025: जेईई मेन एडमिट कार्ड 28, 29 और 30 जनवरी की परीक्षा के लिए जारी
JEE Main 2025 Shift 2 Difficulty Level: जेईई मेन विषयवार विश्लेषण
भौतिकी अनुभाग को अधिकांश छात्रों ने आसान पाया। प्रश्नों का वितरण संतुलित था। यांत्रिकी, तरंगें और ऊष्मागतिकी जैसे मुख्य विषयों को कवर किया गया था, जबकि प्रकाशिकी और विद्युत चुंबकत्व से अधिक प्रश्न पूछे गए थे।
रसायन विज्ञान का स्तर आसान से मध्यम था। इसमें लगभग सभी अध्याय शामिल थे। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में सबसे ज़्यादा सवाल थे लेकिन फिजिकल केमिस्ट्री में कम सवाल थे। ज़्यादातर सैद्धांतिक सवाल एनसीईआरटी पर आधारित थे।
गणित का स्तर मध्यम से कठिन था। लगभग सभी अध्यायों से प्रश्न आए, जिनमें कैलकुलस सबसे महत्वपूर्ण था। प्रश्न बहुत कठिन नहीं थे, लेकिन कई में लंबी और समय लेने वाली गणनाएं शामिल थीं, जिससे यह चुनौतीपूर्ण हो गया।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- VBSA Bill: लोकसभा ने 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक' को संयुक्त समिति को भेजने की दी मंजूरी, जानें महत्व
- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज