जल शक्ति मंत्रालय ने भूजल वैज्ञानिकों की भर्ती के लिए मसौदा नियम किया जारी, हितधारक 13 जुलाई तक भेजें सुझाव
वैज्ञानिकों को पदोन्नति तभी दी जाएगी जब वे एक पद पर न्यूनतम अवधि पूरी कर लेंगे - वैज्ञानिक सी श्रेणी पर 3 वर्ष तथा वैज्ञानिक एफ और जी जैसे वरिष्ठ ग्रेड पर 5 वर्ष तक अनिवार्यता है।
Abhay Pratap Singh | June 30, 2025 | 05:44 PM IST
नई दिल्ली: जल शक्ति मंत्रालय ने केंद्रीय भूजल बोर्ड में श्रेणी- ए के वैज्ञानिकों की भर्ती और पदोन्नति के नियमों में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव किया है, जिसमें एक सुव्यवस्थित पदोन्नति मार्ग, क्षेत्र अनुभव की अनिवार्यता, स्तरबद्ध प्रदर्शन मूल्यांकन और नए प्रशिक्षण की आवश्यकताएं शामिल हैं। वैज्ञानिक श्रेणी- बी से लेकर श्रेणी - जी तक के पदों के लिए मसौदा नियमों को सार्वजनिक परामर्श के मकसद से प्रकाशित किया गया है और हितधारकों को 13 जुलाई तक अपनी प्रतिक्रिया प्रस्तुत करनी है।
यह मसौदा अधिसूचना, नियमों को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 2024 में प्रस्तुत किए गए ‘रिवाइज्ड फ्लेक्सिबल कांप्लीमेंट स्कीम’ के अनुरूप बनाती है। वैज्ञानिकों को पदोन्नति तभी दी जाएगी जब वे एक पद पर न्यूनतम अवधि पूरी कर लेंगे - वैज्ञानिक सी श्रेणी पर 3 वर्ष तथा वैज्ञानिक एफ और जी जैसे वरिष्ठ ग्रेड पर 5 वर्ष तक अनिवार्यता है।
इसके अलावा वैज्ञानिकों को एफ श्रेणी पर पदोन्नति के लिए दो वर्ष का तथा ‘जी’ श्रेणी पर पांच वर्ष का क्षेत्र अनुभव आवश्यक है। संशोधित मसौदे की एक प्रमुख विशेषता दो-स्तरीय मूल्यांकन प्रणाली है। वैज्ञानिकों को एक आंतरिक स्क्रीनिंग समिति द्वारा लेवल-1 स्क्रीनिंग से गुजरना होगा, उसके बाद एक मूल्यांकन बोर्ड या एक विभागीय सहकर्मी समीक्षा समिति द्वारा लेवल-2 मूल्यांकन किया जाएगा।
ये मूल्यांकन साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में आयोजित किए जाएंगे, जो वैज्ञानिक योग्य नहीं होंगे उनका एक साल बाद ही पुनर्मूल्यांकन किया जा सकेगा और उन्हें एक अतिरिक्त वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
सीधे भर्ती वाले अधिकारियों को अनिवार्य रूप से एक वर्ष का प्रवेश स्तरीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करना होगा, जबकि आंतरिक रूप से पदोन्नत अधिकारियों को राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान या सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान जैसे मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों में दो सप्ताह का प्रशिक्षण पूरा करना होगा।
मसौदे में स्पष्ट किया गया है कि ‘रिवाइज्ड फ्लेक्सिबल कॉम्प्लीमेंट स्कीम’ के तहत पदोन्नति केवल तीन बार ही दी जाएगी। अगर कोई उम्मीदवार उन प्रयासों के भीतर अर्हता प्राप्त नहीं करता है, तो उसे अन्य केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके अलावा, किसी भी पूर्वव्यापी पदोन्नति की अनुमति नहीं दी जाएगी।
प्रतिनियुक्ति या छुट्टी पर गए अधिकारियों को उनकी वापसी पर ही पदोन्नति मिलेगी। प्रस्तावित दिशा-निर्देशों में विभिन्न विषयों के वैज्ञानिक पदों की कुल संख्या भी निर्धारित की गई है -यह क्रमश: जल विज्ञान में 294, भूभौतिकी में 31, रसायन विज्ञान में 32, जल विज्ञान में आठ, तथा जल मौसम विज्ञान में नौ पद है।
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