कार्यक्रम की सफलता के आधार पर उत्तराखंड के सात ब्लॉकों में 550 महिलाओं के वर्तमान समूह को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
Abhay Pratap Singh | January 9, 2025 | 02:49 PM IST
नई दिल्ली: इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) एग्जिक्यूटिव एजुकेशन ने संहिता-सीजीएफ (Samhita-CGF) के साथ मिलकर 2023-2024 की अवधि के लिए अपने पायलट महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम के सफल समापन की घोषणा की। ग्रामीण महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से तीन महीने की इस पहल ने पांच राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र में 500 व्यवसायी महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।
इस कार्यक्रम में आईएसबी एक्जिक्यूटिव एजुकेशन द्वारा ऑनलाइन मॉड्यूल और संहिता-सीजीएफ द्वारा मेंटरशिप मॉड्यूल शामिल हैं। यह कार्यक्रम सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने के साथ ही महिलाओं को उद्यमशीलता कौशल विकसित करने के लिए सशक्त बनाता है। जिससे वे घरेलू जिम्मेदारियों और व्यावसायिक गतिविधियों के बीच प्रभावी संतुलन बना सकें।
प्रतिभागियों को व्यवसाय विकास प्रशिक्षण, वित्तीय साक्षरता कार्यशालाओं, विपणन रणनीतियों और डिजिटल कौशल विकास में शामिल किया जाता है। इसके अतिरिक्त, उन्हें मेंटरशिप और नेटवर्किंग के अवसरों से भी लाभ मिलता है, जो कार्यक्रम का अभिन्न अंग हैं। पहले समूह ने महत्वपूर्ण सफलता का प्रदर्शन किया, जिसमें अधिकांश प्रतिभागियों ने उद्यमशीलता उद्यम शुरू किया या आजीविका के अवसर हासिल किए।
कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले प्रतिभागियों को आईएसबी एक्जिक्यूटिव एजुकेशन और संहिता-सीजीएफ से ज्वाइंट सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ, जिसमें उनकी लगन और उपलब्धि को मान्यता दी गई। इस पहल ने पाठ्यक्रम से ‘चैंपियंस’ की पहचान की, साथ ही उन्हें और विकसित किया जो अपने समुदायों के भीतर रोल मॉडल और परिवर्तन एजेंटों के रूप में काम करते हैं।
आईएसबी की कार्यकारी निदेशक सुजाता कुमारस्वामी ने कहा, “संहिता-सीजीएफ के साथ यह साझेदारी ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने, सफल व्यवसाय बनाने तथा उन्हें आवश्यक ज्ञान और अंतर्दृष्टि प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा उद्देश्य मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और संसाधन सहायता प्रदान करके आईएसबी में शिक्षण उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है।”
संहिता सोशल वेंचर प्राइवेट लिमिटेड की सीईओ प्रिया नाइक ने कहा, “महिलाओं की उद्यमशीलता को बढ़ाना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है। अधिक महिलाओं के कार्यबल में आने और उद्यमियों के रूप में सफल होने से हम अपने सकल घरेलू उत्पाद में एक भौतिक परिवर्तन देखेंगे। हमारा लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 2 मिलियन महिला उद्यमियों की आय को दोगुना करना है।”