VAJRA Faculty Scheme: भारत सरकार विदेश में बसे भारतीय मूल के शोधकर्ताओं को वापस बुलाने की पहल तेज करेगी
Press Trust of India | October 22, 2025 | 05:44 PM IST | 2 mins read
शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के परामर्श से एक योजना तैयार की जा रही है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्य करने वाले भारतीय मूल के ऐसे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को वापस बुलाना है।
नई दिल्ली: विदेश में बसे भारतीय मूल के शिक्षकों या शोधकर्ताओं को वापस बुलाकर भारतीय संस्थानों में पढ़ाने या शोध करने की सरकार की योजना जोर पकड़ रही है। अतीत में इसी प्रकार की योजना पर विचार किया गया था, लेकिन इसमें प्रक्रियागत विलंब और अनिश्चितताओं सहित कई बाधाएं आईं।
अमेरिका में हाल के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में इस योजना पर नए सिरे से विचार किया जा रहा है। अमेरिका में इनमें से ज्यादातर संकाय सदस्य या वैज्ञानिक कार्यरत हैं।
सूत्रों के अनुसार, शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के परामर्श से एक योजना तैयार की जा रही है, जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण शैक्षणिक कार्य करने वाले भारतीय मूल के ऐसे वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को वापस बुलाना है, जो शोध या अध्यापन के लिए भारत में एक निश्चित अवधि बिताने के इच्छुक हैं।
एक सूत्र ने कहा, “आईआईटी पहले से ही प्रतिष्ठित विदेशी संकायों को आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं, जिनमें भारतीय मूल के वे संकाय सदस्य भी शामिल हैं जो अब विदेश में बस गए हैं या उनका अधिकांश कार्य वहीं है।”
इस महीने की शुरुआत में, व्हाइट हाउस ने कम से कम नौ अमेरिकी विश्वविद्यालयों से एक समझौते पर हस्ताक्षर करने को कहा था, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की उच्च शिक्षा से संबंधित प्राथमिकताओं को बनाए रखने या संघीय सरकार से मिलने वाले अनुदान तक प्राथमिक पहुंच गंवाने का जोखिम उठाना शामिल है।
साथ ही, हार्वर्ड विश्वविद्यालय जैसे शीर्ष विश्वविद्यालयों को प्रवेश, प्रशासन और संकाय नीतियों में सुधार की मांग के तहत अरबों डॉलर के संघीय अनुदान रोक दिए गए हैं।
वर्तमान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय “विजिटिंग एडवांस्ड जॉइंट रिसर्च (वीएजेआरए)” संकाय योजना का संचालन कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य विदेशों में रहने वाले वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों को कुछ समय के लिए भारत की सरकारी संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में काम करने के लिए बुलाना है जिनमें भारतीय मूल के लोग (एनआरआई और ओसीआई) भी शामिल हैं।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट