IIT Madras: आईआईटी मद्रास ने साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम किया शुरू, डेटा सेफ्टी, साइबर अटैक से करेगा रक्षा
साइबर कमांडो मौजूदा साइबर क्राइम सेल्स के एक महत्वपूर्ण अपग्रेड का प्रतिनिधित्व करेंगे। जबकि ये सेल मुख्य रूप से साइबर अपराधों की जांच और अभियोजन जैसे प्रतिक्रियाशील उपायों पर काम करेंगे, जबकि कमांडो एक सक्रिय बल होंगे।
Saurabh Pandey | October 3, 2024 | 06:30 PM IST
नई दिल्ली : आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन ने लॉ इंफोर्समेंट अधिकारियों के बीच 'साइबर कमांडो' बनाने के लिए एक नया प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह पाठ्यक्रम 6 महीने के लिए होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक पहल, 'साइबर कमांडो' कार्यक्रम भारत की साइबर रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह विशेष बल साइबर हमलों के खिलाफ राष्ट्र की रक्षा करने, संवेदनशील डेटा की सुरक्षा करने और डिजिटल संप्रभुता बनाए रखने में सबसे आगे रहेगा।
साइबर कमांडो मौजूदा साइबर क्राइम सेल्स के एक महत्वपूर्ण अपग्रेड का प्रतिनिधित्व करेंगे। जबकि ये सेल मुख्य रूप से साइबर अपराधों की जांच और अभियोजन जैसे प्रतिक्रियाशील उपायों पर काम करेंगे, जबकि कमांडो एक सक्रिय बल होंगे।
कार्यक्रम में मौजूद लोग
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आज यानी 3 अक्टूबर 2024 को आईआईटी मद्रास में प्रोफेसर वी. कामकोटि, निदेशक, आईआईटी मद्रास द्वारा डॉ. संदीप मित्तल, आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), साइबर अपराध विंग, तमिलनाडु, कर्नल अरविंद कुमार, निदेशक, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C), मयंक घिल्डियाल, उप निदेशक, I4C, डॉ. एमजे शंकर रमन, सीईओ, आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में लॉन्च किया गया।
प्रो. वी. कामकोटि ने गृह मंत्रालय को दिया धन्यवाद
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि ने उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डेली बेसिस पर साइबर अटैक का खतरा बढ़ रहा है। जैसे-जैसे डिजिटलीकरण बढ़ रहा है, हम अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक उपकरण शामिल कर रहे हैं। डेटा अब बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रो. वी. कामकोटि ने कहा कि हमें साइबर खतरों को रोकने के लिए एक सक्रिय तरीके पर पहुंचने की जरूरत है। हमें गहरी समझ होनी चाहिए। मैं इस कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए गृह मंत्रालय को धन्यवाद देता हूं।
छह महीने का होगा पाठ्यक्रम
भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के निदेशक, कर्नल अरविंद कुमार ने कहा कि इस छह महीने के पाठ्यक्रम में 70% प्रैक्टिकल होगा और केवल 30% इस कार्यक्रम में थ्योरी होगा। आईआईटी मद्रास के संकाय इस कार्यक्रम को संभालेंगे और आपको (साइबर कमांडो) प्रशिक्षित करेंगे।
डॉ. संदीप मित्तल , आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), साइबर अपराध विंग, तमिलनाडु, ने कहा कि 2024 तक, 50 अरब इंटरनेट से जुड़े उपकरण होंगे, जैसे रेफ्रिजरेटर, माइक्रोवेव, वॉशिंग मशीन इत्यादि। साइबर सुरक्षा को साइबर अपराधों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों की समझ की आवश्यकता है क्योंकि साइबर अपराधी ज्यादातर विदेशों में हैं।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- Gandhi's statue unveiled: अमेरिका के सिएटल सेंटर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का किया गया अनावरण
- Gandhi Jayanti 2024: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती कल; इतिहास, महत्व और पसंदीदा गीत जानें
- CSE Vs ESE: कंप्यूटर साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बेहतर कौन, जानें कॅरियर संभावनाएं
- CAT 2024: आईएसबी हैदराबाद में कैट उत्तीर्ण छात्रों के लिए 20 महीने का पीजीपी कोर्स लॉन्च, जानें फीस
- CAT 2024: आईआईएम अहमदाबाद के पीजीपी बैच में 404 विद्यार्थियों में 25% छात्राएं, कैट स्कोर से मिला प्रवेश
- Importance of Hindi: ग्लोबल इकोनॉमी में भारत की भूमिका के साथ ‘हिंदी’ का महत्व बढ़ा - सिंगापुर में उद्यमी
- NEET PG Counselling 2024: यूपी में 7 सालों में बढ़ी MBBS की 108 प्रतिशत और PG की 181 प्रतिशत सीटें
- NExT 2024 Latest News: नेशनल एग्जिट टेस्ट क्या है, जानें परीक्षा पैटर्न, क्वालीफाइंग पर्सेंटेज; एलिजिबिलिटी
- QS Rankings: आईआईएम अहमदाबाद, बेंगलुरु, कलकत्ता और आईएसबी हैदराबाद दुनिया के टॉप 100 एमबीए संस्थानों में शामिल
- Top 5 Engineering Fields: टेक्नोलॉजी में अहम भूमिका निभाने वाले टॉप-5 इंजीनियरिंग फील्ड जानें; AI की बढ़ी मांग