Saurabh Pandey | October 3, 2025 | 01:35 PM IST | 2 mins read
इस कार्यक्रम का लाभ यह है कि यह रिक्रूटर्स को सही प्रतिभा की कुशलतापूर्वक पहचान करने में सक्षम बनाता है। निप्टा के माध्यम से आईआईटी मद्रास भारत के युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए प्रभावशाली, मापनीय और समावेशी पहलों को आगे बढ़ाने के अपने मिशन को जारी रखे हुए है।
नई दिल्ली : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) ने आईआईटी मद्रास शास्त्र पत्रिका के माध्यम से देश भर के इंजीनियरिंग और डिप्लोमा छात्रों को एक ट्रेनिंग प्रोग्राम प्रदान करने के लिए एक पहल शुरू की है। इंटर्नशिप और नौकरी की तैयारी के लिए एक राष्ट्रीय मानक स्थापित करके, 'राष्ट्रीय इंटर्नशिप प्लेसमेंट प्रशिक्षण और मूल्यांकन' (NIPTA) का उद्देश्य भारत में रोजगार योग्यता के मूल्यांकन के तरीके को बदलना है।
इस कार्यक्रम का लाभ यह है कि यह रिक्रूटर्स को सही प्रतिभा की कुशलतापूर्वक पहचान करने में सक्षम बनाता है। निप्टा के माध्यम से आईआईटी मद्रास भारत के युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए प्रभावशाली, मापनीय और समावेशी पहलों को आगे बढ़ाने के अपने मिशन को जारी रखे हुए है।
आईआईटी मद्रास के निदेशक, प्रो. वी. कामकोटि ने कहा कि हज़ारों छात्र विभिन्न संगठनों में इंटर्नशिप और उसके बाद प्लेसमेंट की इच्छा रखते हैं, ऐसे में निप्टा पहल बहुत ही सामयिक है। यह संस्थान के आदर्श वाक्य 'आईआईटीएम फॉर ऑल' के अनुरूप भी है, जिसके तहत हम इस पोर्टल के माध्यम से अपने देश के सभी छात्रों के लिए अवसरों का लोकतांत्रिकरण करना चाहते हैं।
इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संकाय और आईआईटीएम शास्त्र पत्रिका के संपादकीय बोर्ड के अध्यक्ष, प्रो. श्रीकांत वेदांतम ने कहा कि निप्टा रोजगार योग्यता को मापने योग्य और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस पहल के साथ, आईआईटी मद्रास देश भर के छात्रों को अपने कौशल को निखारने और सर्वोत्तम इंटर्नशिप और रोजगार के अवसर खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।
निप्टा में आईआईटी मद्रास की टीम वीडियो लेक्चर्स और सैंपल प्रश्नों सहित निःशुल्क ट्रेनिंग संसाधन प्रदान करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक छात्र को तैयारी सामग्री तक समान पहुंच प्राप्त हो। छात्रों को मूल्यांकन के लिए केवल मामूली शुल्क देना होगा।
तैयारी की यह अवधि तीन घंटे के निरीक्षण मूल्यांकन में समाप्त होगी, जो देश भर के निर्धारित केंद्रों में व्यक्तिगत रूप से आयोजित किया जाएगा। यह मूल्यांकन तीसरे और अंतिम वर्ष के इंजीनियरिंग छात्रों, हाल ही में स्नातक हुए छात्रों, अंतिम वर्ष के डिप्लोमा छात्रों और डिप्लोमा धारकों के लिए है।
कोचिंग से जुड़े मुद्दों की जांच के लिए गठित एक विशेषज्ञ समिति से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर यह समीक्षा की जाएगी। एक सूत्र ने कहा, ‘‘समिति यह अध्ययन करने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण कर रही है कि क्या परीक्षाओं का कठिनाई स्तर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के कठिनाई स्तर के अनुरूप है।
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