Press Trust of India | September 12, 2025 | 02:35 PM IST | 1 min read
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने बताया कि बीआर आंबेडकर हॉल में इस तरह की अलग-अलग बैठने की व्यवस्था करने संबंधी नोटिस उच्च अधिकारियों की जानकारी के बिना जारी किया गया था।
कोलकाता: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर (IIT Kharagpur) ने शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की आदतों और पसंद के आधार पर विभिन्न छात्रावासों में भोजन करने के लिए बैठने की अलग-अलग व्यवस्था करने संबंधी एक नोटिस वापस ले लिया है। नोटिस में कहा गया है, ‘‘भोजन कक्ष में अलग-अलग बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होनी चाहिए।’’
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बीआर आंबेडकर हॉल में इस तरह की अलग-अलग बैठने की व्यवस्था करने संबंधी नोटिस उच्च अधिकारियों की जानकारी के बिना जारी किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे ही उन्हें इस फैसले के बारे में पता चला, संस्थान के उच्च अधिकारियों से तुरंत परामर्श के बाद इसे रद्द कर दिया गया।’’
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक ने कहा, ‘‘भोजन कक्ष में एकत्रित छात्रों को उनकी पसंद के आधार पर अलग करने के लिए कोई भी पहचान सूचक बोर्ड नहीं होना चाहिए। हमने आदेश दिया है कि जहां भी भोजन कक्ष है, वहां से ऐसे पहचान सूचक बोर्ड तत्काल प्रभाव से हटा दिए जाएं।’’
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निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि किसी शैक्षणिक संस्थान को किसी व्यक्ति की भोजन संबंधी पसंद के आधार पर इस तरह बैठने की अलग-अलग व्यवस्था का आदेश नहीं देना चाहिए।
गौरतलब है कि 16 अगस्त को ‘बी. आर. आंबेडकर हॉल ऑफ रेजिडेंस’ के छात्रों को एक नोटिस में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन के लिए अलग-अलग निर्धारित स्थानों के आधार पर बैठने के लिए कहा गया था। इससे छात्रों के बीच असंतोष पैदा हो गया और उन्होंने इस कदम की आलोचना की।
संस्थान ने आठ सितंबर को सभी हॉल वार्डनों को एक नया नोटिस जारी कर निर्देश दिया कि शाकाहारी, मांसाहारी, जैन और अन्य श्रेणियों के अनुसार मेस के खाने की अलग-अलग व्यवस्था केवल तैयारी और वितरण के स्तर पर ही की जानी चाहिए।