Santosh Kumar | September 23, 2025 | 08:07 AM IST | 1 min read
निदेशक ने कहा, "हमने 10 और परामर्शदाताओं की नियुक्ति की है, जो छात्रों से सामूहिक या व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनके मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करेंगे।’’
कोलकाता: छात्रावासों में कई छात्रों की अप्राकृतिक मौतों के मद्देनजर आईआईटी, खड़गपुर ने 22 सितंबर को कहा कि उसने 10 परामर्शदाताओं की नियुक्ति की है जो छात्रों और शोधकर्ताओं से बातचीत करके यह पता लगाएंगे कि वे मानसिक तनाव में तो नहीं हैं।
संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि मौजूदा परामर्शदाताओं के अलावा, 10 और ऐसे पेशेवर होंगे जो परिसर में घूमेंगे, छात्रों एवं शोधकर्ताओं से मित्र की तरह बातचीत करेंगे और उनके मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा, "देखिए, कोई भी यह नहीं जान सकता कि किसी युवा के मन में क्या चल रहा है, और यदि कोई छात्र अवसादग्रस्त है, तो इसका पता तभी चल सकता है जब संबंधित व्यक्ति किसी परामर्शदाता के पास जाए।"
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने आगे कहा, "हमने 10 और परामर्शदाताओं की नियुक्ति की है, जो छात्रों से सामूहिक या व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनके मानसिक स्वास्थ्य का आकलन करेंगे।’’
बता दें कि आईआईटी, खड़गपुर द्वारा यह कदम 20 सितंबर को एक शोधकर्ता का शव उसके छात्रावास के कमरे की छत से लटका पाए जाने के बाद उठाया गया है, जो इस वर्ष इस प्रमुख संस्थान में कथित आत्महत्या का पांचवां मामला है।
अगस्त की शुरुआत में, संस्थान ने कथित तौर पर परेशान छात्रों को आत्मघाती कदम उठाने से रोकने के लिए छात्रावास के कमरों में छोटे पंखे लगाने का फैसला किया था। यह कदम आत्महत्या की कई घटनाओं के बाद उठाया गया था।
इनपुट्स-पीटीआई
शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी में एक संस्थागत जांच शुरू की गई है। शिकायतकर्ताओं में से एक कथित तौर पर एक पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी है। हालांकि, निलंबित प्रिंसिपल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है।
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