IIT Guwahati: आईआईटी गुवाहाटी ने ठंडे मौसम के लिए सेल्फ क्लीनिंग, फ्लेक्सिबल हीटिंग फैब्रिक विकसित किया
आईआईटी गुवाहाटी की रिसर्च टीम द्वारा तैयार यह कपड़ा 10 घंटे से अधिक समय तक 40°C और 60°C के बीच तापमान बनाए रख सकता है।
Abhay Pratap Singh | February 13, 2025 | 05:52 PM IST
नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी (IIT Guwahati) के शोधकर्ताओं ने एक जल-विकर्षक (water-repellent), सुचालक कपड़ा विकसित किया है जो बिजली और सूर्य के प्रकाश को ऊष्मा में परिवर्तित करता है। यह फैब्रिक ठंडे वातावरण में पहनने वालों को गर्म रखने के लिए डिजाइन किया गया है, जो कम तापमान से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को भी कम करता है।
इस शोध के निष्कर्ष नैनो-माइक्रो-स्मॉल नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं, जिसका सह-लेखन आईआईटी गुवाहाटी के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर उत्तम मन्ना ने किया है।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि, अत्यधिक ठंड के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं जो जानलेवा भी हैं। अध्ययन से पता चला है कि अत्यधिक ठंड के कारण होने वाली मौतों की संख्या अत्यधिक गर्मी के कारण होने वाली मौतों से अधिक है। पारंपरिक उपाय जैसे हीटर या परतदार कपड़े अक्सर भारी होते हैं। वहीं, प्रवाहकीय वस्त्र हल्के, लचीले विकल्प प्रदान करते हैं।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए आईआईटी गुवाहाटी की शोध टीम ने सूती कपड़े पर अल्ट्रा-पतले और साफ चांदी के नैनोवायर छिड़ककर इसे सुचालक बनाने का एक नया तरीका विकसित किया है। ये नैनोवायर मानव बाल से 100,000 गुना पतले होते हैं, जिससे कपड़े में बिजली प्रवाहित होती है, जिससे कपड़े को नरम और लचीला रहते हुए गर्मी पैदा करने में मदद मिलती है।
इसकी असाधारण विद्युत चालकता और बिजली और सूर्य के प्रकाश दोनों को गर्मी में बदलने की क्षमता के कारण, इस प्रयोग के लिए चांदी के नैनोवायर का चयन किया गया है। चांदी का कम विद्युत प्रतिरोध कम लागू वोल्टेज पर इलेक्ट्रोथर्मल रूपांतरण की अनुमति देता है और बिजली के झटके के जोखिम को समाप्त करता है।
आईआईटी गुवाहाटी द्वारा जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि, “यह कपड़ा एक छोटी रिचार्जेबल बैटरी या सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली को ऊष्मा में परिवर्तित कर सकता है और 10 घंटे से अधिक समय तक 40°C और 60°C के बीच तापमान बनाए रख सकता है।”
शोधकर्ताओं ने इस कपड़े का परीक्षण पहनने योग्य घुटने और कोहनी के बैंडों में किया, जिससे यह प्रदर्शित हुआ कि यह ठंडे वातावरण में काम करने वाले व्यक्तियों और स्थानीय ताप चिकित्सा की आवश्यकता वाले गठिया रोगियों को निरंतर गर्मी प्रदान करने की क्षमता रखता है।
विकसित फैब्रिक के बारे में प्रो. उत्तम मन्ना ने कहा, “हमारा कपड़ा स्वयं साफ करने योग्य, सांस लेने योग्य और लचीला है और इसे आसानी से बढ़ाया जा सकता है। इसकी स्थायित्व और लंबे समय तक चलने वाला प्रदर्शन इसे कई अनुप्रयोगों में उपयोगी बनाता है जिनमें नियंत्रित हीटिंग की आवश्यकता होती है।”
अगली खबर
]PPC 2025: ‘एआई का बुद्धिमानी से उपयोग करें, स्वयं निर्णय लें’ - पीपीसी के तहत छात्रों को दिए गए मंत्र
इस बार पारंपरिक ‘टाउन हॉल’ प्रारूप से हटकर प्रधानमंत्री ने छात्रों को दिल्ली के प्रसिद्ध सुंदर नर्सरी में आमंत्रित किया और बोर्ड परीक्षा से पहले उनसे अनौपचारिक माहौल में बातचीत की।
Press Trust of Indiaविशेष समाचार
]- Teachers Protest: यूपी में 7 साल से नहीं आई कोई शिक्षक भर्ती, बेरोजगारों ने आयोग दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन
- NEET UG 2025: नीट यूजी आंसर की जल्द; सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें एम्स कटऑफ
- JEE Advanced 2025: जेईई एडवांस्ड पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें कैटेगरी वाइज कटऑफ अंक
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के शीर्ष एमबीबीएस मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता और फीस जानें
- NEET UG 2025: नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए कितने मार्क्स चाहिए? जानें पिछले 3 सालों का कैटेगरी वाइज कटऑफ
- IIT Admission 2025: आईआईटी में बिना जेईई कैसे मिलेगा एडमिशन? जानें क्या-क्या हैं विकल्प
- Top Dental Colleges in India 2025: भारत के टॉप डेंटल कॉलेज कौन से हैं? एलिजिबिलिटी, रैंक, फीस जानें
- JEE Main 2025 Result: जेईई मेन सेशन 2 का रिजल्ट जल्द; जानें टॉप एनआईटी की कोर्स-वाइज ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक
- GATE 2025: आईआईटी कानपुर में एमटेक प्रोग्राम के लिए गेट कटऑफ क्या होगी? रैंक, फीस और पात्रता जानें
- JEE Main 2025: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक