अनौपचारिक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ के माध्यम से कनिष्ठ छात्रों को परेशान करना ‘रैगिंग’ माना जाएगा, यूजीसी का निर्देश
Press Trust of India | July 9, 2025 | 02:30 PM IST | 1 min read
अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार के ‘ग्रुप’ को ‘रैगिंग’ माना जाएगा और ‘रैगिंग’ रोधी नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे कनिष्ठ छात्रों को परेशान करने के लिए बनाए गए किसी भी अनौपचारिक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ पर नजर रखें। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार के ‘ग्रुप’ को ‘रैगिंग’ माना जाएगा और ‘रैगिंग’ रोधी नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यूजीसी को नए छात्रों से हर साल दर्जनों शिकायतें मिलती हैं, जिनमें वरिष्ठ छात्रों द्वारा उन्हें परेशान किए जाने के आरोप लगाए जाते हैं।
यूजीसी ने निर्देश में कहा, ‘‘कई मामलों में वरिष्ठ छात्र अनौपचारिक ‘व्हाट्सऐप ग्रुप’ बनाते हैं, कनिष्ठ छात्रों से संपर्क करते हैं और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। यह भी ‘रैगिंग’ के समान है और इसके लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’’
UGC Anti Ragging: यूजीसी ने दी चेतावनी
यूजीसी की ओर से कहा गया, ‘‘परिसर में छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ‘रैगिंग’ रोधी मानदंडों को लागू करने में विफलता के कारण अनुदान रोकने सहित कड़ी कार्रवाई हो सकती है।’’
परामर्श में उन घटनाओं को भी चिह्नित किया गया है जिनमें कनिष्ठ छात्रों को धमकी दी गई थी कि अगर वे अपने वरिष्ठ छात्रों के निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा।
छात्रों को बाल कटवाने के लिए मजबूर करना, लंबे समय तक जगाए रखना या उन्हें मौखिक रूप से अपमानित करने को भी रैंगिग के ही अन्य तरीकों के रूप में वर्णित किया गया है।
इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसे कृत्य शारीरिक और मानसिक कष्ट का कारण बनते हैं और ‘रैगिंग’ विरोधी नियमों का गंभीर उल्लंघन हैं तथा पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।’’ हाल में यूजीसी ने एंटी-रैगिंग मानदंडों का पालन न करने पर 89 संस्थानों को डिफॉल्टर घोषित किया।
अगली खबर
]JNU News: जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयूईई बहाली के समर्थन में शिक्षकों से भूख हड़ताल में शामिल होने का किया आग्रह
छात्रों की प्राथमिक मांग जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को फिर से बहाल करना है, जिसे हाल के वर्षों में यूजीसी नेट आधारित प्रवेश प्रणाली द्वारा बदल दिया गया है।
Santosh Kumar | 1 min readविशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट