Press Trust of India | December 10, 2025 | 09:18 PM IST | 1 min read
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, सफल उम्मीदवारों में इंजीनियरिंग स्नातकों का हिस्सा लगातार 50 प्रतिशत से अधिक रहा है।

नई दिल्ली: सरकार ने 10 दिसंबर को लोकसभा में बताया कि सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) में उत्तीर्ण होने वाली महिलाओं का अनुपात 2019 में 24 प्रतिशत था। साल 2023 में सीएसई में सफल महिला कैंडिडेट का यह आंकड़ा बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, सफल उम्मीदवारों में इंजीनियरिंग स्नातकों का हिस्सा लगातार 50 प्रतिशत से अधिक रहा है।
मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए पांच साल के आंकड़े प्रस्तुत किए, जिसमें अंतिम योग्यता सूची में महिला उम्मीदवारों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा सकती है।
इसके अनुसार वर्ष 2019 में 922 महिला उम्मीदवारों में से अंतिम योग्यता सूची में 220 महिलाएं शामिल थीं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 1,132 में से 397 का रहा।
साथ ही, इंजीनियरिंग स्ट्रीम के उम्मीदवारों का मेधा सूची में दबदबा बना रहा। वर्ष 2023 में 554 इंजीनियरों की सिफारिश की गई, जो मानविकी (368), विज्ञान (137) और चिकित्सा विज्ञान (73) के उम्मीदवारों की तुलना में कहीं अधिक थी।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 से 2023 तक हर साल इंजीनियरिंग स्नातकों की संख्या अधिक रही। सरकार ने स्नातक डिग्री धारकों के चयन में भी वृद्धि दर्ज की, जो 2019 में 672 से बढ़कर 2023 में 848 हो गई।