प्रधान ने कहा, 'यूजीसी के 2010, 2018 और 2025 के नियमों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति या विजिटर द्वारा की जाती है।
Santosh Kumar | January 13, 2025 | 10:41 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार (13 जनवरी) को कांग्रेस पर हमला करते हुए यूजीसी द्वारा जारी भर्ती मानदंडों के मसौदे के बारे में “झूठ फैलाने” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपालों द्वारा विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति की प्रथा आजादी से पहले से चली आ रही है।
यूजीसी ने पिछले सप्ताह नए मसौदा नियम जारी किए। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने आरोप लगाया है कि नए नियम कुलपति नियुक्तियों में राज्य के राज्यपालों को अधिक शक्ति देते हैं और गैर-शैक्षणिक लोगों को भी पदों पर रहने की अनुमति देते हैं।
उन्होंने इसे ‘संघवाद और राज्य के अधिकारों पर हमला’ बताया। मसौदा नियमों के अनुसार, उद्योग विशेषज्ञ, लोक प्रशासन, सार्वजनिक नीति और सार्वजनिक क्षेत्र के पेशेवर जल्द ही कुलपति के पद के लिए पात्र हो सकते हैं।
मसौदा नियमों के तहत कुलाधिपति या विजिटर के पास कुलपतियों की नियुक्ति के लिए 3 सदस्यीय समिति बनाने का अधिकार होगा। प्रधान ने कहा, "यूजीसी के 2010, 2018 और 2025 के नियमों में स्पष्ट है कि कुलपति की नियुक्ति कुलाधिपति या विजिटर द्वारा की जाती है।
उन्होंने कहा, "यूजीसी विनियम 2025, 2010 की चयन समिति संरचना का एक प्रारूप है। इसमें शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए चयन समिति का गठन किया गया है।"
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कांग्रेस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा, कांग्रेस नहीं चाहती कि देश का युवा शिक्षित हो और देश का विकास हो, इसलिए वह शिक्षा जैसे मुद्दों पर भ्रम फैला रही है और युवाओं को गुमराह कर अशांति पैदा करना चाहती है।
प्रधान ने कहा, “जहां तक ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ का सवाल है, कांग्रेस पार्टी को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ से समस्या है, जिसे युवाओं सहित देश के सभी वर्गों ने पूरे दिल से स्वीकार किया है क्योंकि इसमें भारतीयता के तत्व हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को तथ्यों को समझे बिना सिर्फ आलोचना के लिए आलोचना करने की अपनी नीति बदलनी चाहिए और एक परिवार की चिंता करने के बजाय देश के युवाओं की चिंता करनी चाहिए।