जारी अधिसूचना के अनुसार, अध्यादेश IV के खंड 6 में संशोधन के तहत यह निर्णय 2024-25 शैक्षणिक सत्र से लागू होगा।
Abhay Pratap Singh | November 28, 2024 | 06:20 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने ऐच्छिक या वैकल्पिक विषयों में बार-बार असफल होने वाले छात्रों को नया विषय चुनने की अनुमति दी है। यह नियम डीयू के यूजी (स्नातक) और पीजी (स्नातकोत्तर) दोनों छात्रों के लिए लागू होगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा बुधवार को जारी एक नोटिस में यह जानकारी दी गई है।
अधिसूचना के अनुसार, यह नियम 2024-25 शैक्षणिक सत्र से लागू होगा। यह कदम विश्वविद्यालय के अध्यादेश IV के खंड 6 में संशोधन के बाद उठाया गया है, जो पहले स्नातक या स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के किसी भी सेमेस्टर में वैकल्पिक, ऐच्छिक या सहायक विषयों में किसी भी बदलाव पर रोक लगाता था।
आगे कहा गया कि, नया विषय का चयन करने वाले छात्रों को पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कराना होगा। उपस्थिति और आंतरिक मूल्यांकन सहित सभी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करना होगा तथा उत्तीर्ण होने के लिए छात्रों को आवश्यक क्रेडिट अर्जित करना होगा।
Also readDU: डीयू के लॉ छात्र भी उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन के लिए कर सकेंगे आवेदन
दिल्ली विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों और विभागों को इस शैक्षणिक वर्ष से संशोधित अध्यादेश लागू करने का निर्देश दिया है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य इस बदलाव के माध्यम से विद्यार्थियों को उनकी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता प्रदान करना है।
ऑफिशियल नोटिस के अनुसार, “यदि कोई छात्र कई प्रयासों के बाद भी पेपर पास करने में असमर्थ है, तो उसे स्नातकोत्तर या स्नातक पाठ्यक्रम के किसी भी सेमेस्टर में वैकल्पिक या ऐच्छिक विषय या सहायक विषय बदलने, नए ऐच्छिक पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण करने, उपस्थिति, आंतरिक मूल्यांकन और सतत मूल्यांकन सहित सभी शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करने और इस प्रकार अपेक्षित क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति दी जा सकती है।”