दिल्ली सरकार ने स्कूलों से पार्किंग की समस्या पर पुलिस से मदद लेने को कहा, जानें वजह

Press Trust of India | March 29, 2025 | 08:47 PM IST | 1 min read

रोहिणी स्थित सॉवरेन स्कूल के चेयरपर्सन आर.एन. जिंदल ने स्कूल के पास अवैध पार्किंग से होने वाली समस्याओं के बारे में बताया।

स्कूल गेट के पास वाहनों की लंबी कतारें लगने से यातायात को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे अपने स्कूलों के आसपास अवैध पार्किंग और अनावश्यक हॉर्न बजाने के बारे में पुलिस को पत्र लिखें। शिक्षा विभाग (डीओई) ने स्कूलों से ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट तैयार करने और इसे जमा करने को कहा है।

शिक्षा निदेशालय के निर्देश के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सभी थाना प्रभारियों (एसएचओ) को पत्र लिखकर स्कूलों में ध्वनि प्रदूषण रोकथाम नियम 2002 लागू करने और कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) तैयार करने की बात कही है।

रोहिणी स्थित सॉवरेन स्कूल के चेयरपर्सन आरएन जिंदल ने स्कूल के पास अवैध पार्किंग से होने वाली समस्याओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रात में गाड़ियां पार्क होने की वजह से सुबह स्कूल की सफाई करना मुश्किल हो जाता है।

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स्कूल गेट के पास वाहनों की लंबी कतारें लगने से यातायात को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। जिंदल ने कहा, "हम इस समस्या के बारे में एसएचओ को पत्र लिखेंगे और उम्मीद है कि उनकी मदद से यह समस्या हल हो जाएगी।"

आईटीएल इंटरनेशनल स्कूल, द्वारका की प्रिंसिपल शुधा आचार्य ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की और स्कूलों के आसपास अनधिकृत पार्किंग की समस्या के समाधान की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, "स्कूल के बाहर गलत तरीके से वाहन पार्क किए जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम होता है। हम एसएचओ से संपर्क करेंगे और स्कूल के पास गलत पार्किंग और हॉर्न बजाने की समस्या को हल करने में उनकी मदद मांगेंगे।"

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