अभिभावकों के समूह ने बयान में दावा किया कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण निजी स्कूल लगातार ऐसी मनमानी कर रहा है।
Santosh Kumar | May 14, 2025 | 07:26 AM IST
नई दिल्ली: दिल्ली के द्वारका स्थित एक निजी स्कूल पर 31 छात्रों को फीस विवाद के कारण स्कूल में प्रवेश न करने देने का आरोप लगा है। अभिभावकों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने समय पर फीस का भुगतान किया है, इसके बावजूद स्कूल ने उनके बच्चों को कक्षाओं में बैठने से रोक दिया।
अभिभावकों के समूह ने एक बयान में दावा किया कि अप्रैल 2025 की फीस के लिए चेक स्कूल को जमा किए गए थे, लेकिन स्कूल ने उन्हें बैंक में नहीं लगाया और इस कारण उन्होंने मई माह की फीस नेट बैंकिंग के माध्यम से जमा की।
अभिभावकों ने सवाल उठाया कि जब चेक स्कूल के पास पड़े हैं, तो फिर फीस न भरने का हवाला देकर बच्चों को क्यों रोका गया? बयान में कहा गया, ‘‘ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। अभिभावक वर्षों से ऐसे दबाव का सामना कर रहे हैं।’’
छात्रों के अभिभावकों ने बताया कि शिक्षा निदेशालय और स्थानीय अधिकारियों को लिखित शिकायत दी गई है। अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण स्कूल लगातार इस तरह की मनमानी कर रहा है।
हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली मंत्रिमंडल ने सभी निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को विनियमित करने के लिए स्कूल फीस अधिनियम को मंजूरी दी गई। दिल्ली में बढ़ती फीस वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
इस फैसले की घोषणा करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "स्कूल प्रशासन की गतिविधियों के कारण बच्चों और उनके अभिभावकों में चिंता थी। हमने इसका गहन अध्ययन किया और उस संबंध में कदम उठाए।"
बता दें कि पिछले महीने राष्ट्रीय राजधानी की सरकार ने दिल्ली के 600 निजी स्कूलों का निरीक्षण किया और मनमानी फीस वृद्धि की कई शिकायतों के बाद 10 से अधिक स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
इनपुट-पीटीआई
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