दिल्ली की सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों ने स्कूल फीस वृद्धि पर कोई कार्रवाई नहीं की। अब सरकार ने यह ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय लिया है।
Santosh Kumar | April 29, 2025 | 04:55 PM IST
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली मंत्रिमंडल ने सभी निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को विनियमित करने के लिए स्कूल फीस अधिनियम को मंजूरी दे दी है। दिल्ली में बढ़ती फीस वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दिल्ली विधानसभा में अधिनियम पारित होने के बाद, यह एक कानून बन जाएगा और निजी स्कूलों की फीस संरचनाओं पर सख्त नियम लागू करेगा।
इस फैसले की घोषणा करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "स्कूल प्रशासन की गतिविधियों के कारण बच्चों और उनके अभिभावकों में चिंता थी। हमने इसका गहन अध्ययन किया और उस संबंध में कदम उठाए।"
सीएम ने आगे कहा कि दिल्ली में स्कूल फीस वृद्धि को लेकर पिछली किसी भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसी फैसला लिया है।
मंत्रिमंडल ने आज एक मसौदा विधेयक पारित किया, जो दिल्ली के सभी 1,677 स्कूलों, जिनमें सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त और निजी संस्थान शामिल हैं, में फीस के लिए व्यापक दिशानिर्देश और प्रक्रियाएं निर्धारित करेगा।
बता दें कि दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस तय करने के लिए कोई तय नियम नहीं थे और न ही फीस बढ़ोतरी पर नियंत्रण के लिए कोई कानून था। इस फैसले से अभिभावकों को राहत मिली है क्योंकि इससे मनमानी फीस बढ़ोतरी पर रोक लगेगी।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि बिल में फीस बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए तीन स्तरीय समितियों के गठन का प्रस्ताव है। आशीष सूद ने कहा कि जिन स्कूलों को पहले नोटिस जारी किए गए थे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा, "इस विधेयक के आधार पर फीस बढ़ाई या घटाई जाएगी... यह 1 अप्रैल से लागू होगा। इसका पूर्वव्यापी प्रभाव होगा और इस वर्ष की फीस भी विनियमित होगी।"
उन्होंने कहा कि जल्द ही विधेयक पेश कर पारित किया जाएगा। हम इसके 18 प्रावधानों की समीक्षा करेंगे और इसे लागू करेंगे। तीन साल में फीस बढ़ाई जाएगी। इसका उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर लगाम लगाई जाएगी।"