Press Trust of India | August 20, 2025 | 09:47 PM IST | 2 mins read
नीट पीजी काउंसलिंग के लिए डॉ. शेठ ने कहा कि नई पीजी सीटों के लिए आवेदन करने वाले मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसके लिए काउंसलिंग सितंबर में होगी।
नई दिल्ली : राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के प्रमुख डॉ. अभिजात शेठ ने कहा है कि इस शैक्षणिक वर्ष में देश में स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा सीटों की संख्या में लगभग 8,000 की वृद्धि होने की उम्मीद है, और मेडिकल कॉलेजों का मूल्यांकन चल रहा है।
नीट-यूजी के लिए काउंसलिंग शुरू हो चुकी है और पहला राउंड पूरा हो चुका है। काउंसलिंग का दूसरा राउंड 25 अगस्त तक शुरू होने की उम्मीद है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में डॉ. शेठ ने कहा कि मेरी नियुक्ति के साथ ही, मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड (एमएआरबी) का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया है। हमने प्राथमिकता के आधार पर यूजी मेडिकल सीटों का निरीक्षण पूरा कर लिया है और मूल्यांकन कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इस शैक्षणिक वर्ष में प्राप्त आवेदनों की संख्या के आधार पर हमें लगभग 8,000 सीटों (यूजी और पीजी सीटों को मिलाकर) की वृद्धि की उम्मीद है।
वर्तमान में, स्नातक स्तर की 1,18,098 सीटें हैं, जिनमें से 59,782 सरकारी और 58,316 निजी क्षेत्र में हैं। स्नातकोत्तर सीटों की संख्या 53,960 है, जिनमें से 30,029 सरकारी और 23,931 निजी क्षेत्र में हैं।
पिछले शैक्षणिक सत्र की तुलना में एमबीबीएस सीटों की कुल संख्या में कमी के बारे में, डॉ. शेठ ने कहा कि चल रही (सीबीआई) जांच के कारण, स्नातक सीटों की संख्या कम हो सकती है। हालांकि, कुल मिलाकर, निरीक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद सीटों की संख्या अंततः 8,000 या उससे भी अधिक बढ़ जाएगी।
नीट पीजी काउंसलिंग के लिए डॉ. शेठ ने कहा कि नई पीजी सीटों के लिए आवेदन करने वाले मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो गई है और इसके लिए काउंसलिंग सितंबर में होगी।
एनएमसी अधिनियम के अनुसार, एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए राष्ट्रीय एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) कब आयोजित किया जाएगा, यह पूछे जाने पर डॉ. शेठ ने इस परीक्षा को एक "न्यू कॉन्सेप्ट" बताया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सभी हितधारकों के बीच आम सहमति बननी ज़रूरी है। उन्होंने आगे कहा कि परीक्षा आयोजित करने से पहले छात्रों की चिंताओं का समाधान किया जाना चाहिए और कहा कि इसके कार्यान्वयन में कुछ समय लगेगा।
बता दें कि इस वर्ष जुलाई में सीबीआई द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के अधिकारियों, बिचौलियों और निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किए जाने के बाद इस वर्ष मेडिकल सीटों की संख्या में कमी आने की चिंता है।
ये अधिकारी कथित तौर पर भ्रष्टाचार और मेडिकल कॉलेजों को नियंत्रित करने वाले नियामक ढांचे में अवैध हेरफेर सहित कई घोर कृत्यों में शामिल थे। जब सीबीआई जांच शुरू हुई तो एनएमसी ने सीटों की संख्या बढ़ाने या नए पाठ्यक्रम शुरू करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।
एजेंसी ने एफआईआर में 34 लोगों के नाम दर्ज किए थे, जिनमें स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण का एक अधिकारी और एनएमसी निरीक्षण दल के पांच डॉक्टर शामिल थे।