CUET UG 2024: सीयूईटी यूजी में यूजीसी चेयरमैन ने दिए बदलाव के संकेत, अंकों का सामान्यीकरण खत्म होने की संभावना

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी इस बार सीयूईटी यूजी 2024 परीक्षा हाइब्रिड मोड में आयोजित करेगी। तय कार्यक्रम के अनुसार, परीक्षा 15 से 31 मई के बीच आयोजित की जाएगी।

यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार (इमेज: आधिकारिक ट्विटर अकाउंट)

Press Trust of India | February 22, 2024 | 04:00 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) जल्द ही सीयूईटी यूजी के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर सकती है। सीयूईटी यूजी को लेकर इस साल बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार के अनुसार, स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट, सीयूईटी यूजी के लिए अंकों का सामान्यीकरण इस साल समाप्त होने की संभावना है।

एनटीए परीक्षा कैलेंडर के अनुसार, सीयूईटी यूजी 2024 परीक्षा 15 से 31 मई के बीच आयोजित की जाएगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनटीए हाइब्रिड मोड में परीक्षा आयोजित करेगी जिसके कारण परीक्षा की अवधि पिछले वर्षों की तुलना में कम होगी।

हाइब्रिड मोड में आयोजित करने का निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों के उम्मीदवारों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सीयूईटी के इस कदम से उम्मीदवारों को अपने गृह नगर के पास परीक्षा देने की अनुमति मिलेगी।

'हाइब्रिड मोड से छात्रों को मिलेंगे समान अवसर'

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाइब्रिड मोड सभी छात्रों के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देता है, यह सुनिश्चित करता है कि भौगोलिक बाधाएं शैक्षिक आकांक्षाओं में बाधा न डालें। कुमार ने कहा कि हमारा उद्देश्य छात्रों को दूर-दराज के स्थानों की यात्रा किए बिना अपने कस्बों या शहरों में ही परीक्षा केंद्र चुनने में सक्षम बनाना है।

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CUET UG 2024: ओएमआर मोड में परीक्षा

जगदीश कुमार ने यह भी कहा, " नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बड़े पैमाने पर पंजीकरण के साथ ओएमआर मोड में पेपर आयोजित करने की संभावना पर काम कर रही है। इससे हमें बड़े पैमाने पर पंजीकरण कराने में मदद मिलेगी।" साथ ही अध्यक्ष ने एक दिन में एक विषय की परीक्षा आयोजित करके स्कोर सामान्यीकरण की आवश्यकता को समाप्त करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, “पिछले दो वर्षों से, हम एक ही पेपर के लिए दो या तीन दिनों की अवधि में आयोजित करते थे।” लेकिन इस साल, ओएमआर मोड अपनाने से, स्कूलों और कॉलेजों में बड़ी संख्या में केंद्र उपलब्ध होंगे, जिससे हम एक ही दिन में देश भर में परीक्षा आयोजित करने में सक्षम होंगे।'' उन्होने आगे कहा, "अगर एक ही पेपर की परीक्षा कई दिनों में आयोजित की जाती है, तो सामान्यीकरण की आवश्यकता होती है और यही वैज्ञानिक तरीका है।"

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