आईआईटी मद्रास और 5जी टेस्टबेड के शोधकर्ताओं ने स्वदेशी 5जी सिस्टम विकसित किया है और वर्तमान में 6जी प्रौद्योगिकियों को डिजाइन और विकसित करने पर काम कर रहे हैं।
Saurabh Pandey | September 27, 2024 | 05:41 PM IST
नई दिल्ली : भारत सरकार के संचार मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) में पहले स्वदेशी 5जी टेस्टबेड प्रोजेक्ट का दौरा किया और परिसर में स्वदेशी 5जी नेटवर्क का कामकाज देखा।
आईआईटी मद्रास में 5जी टेस्टबेड प्रोजेक्ट के शोधकर्ताओं ने स्वदेशी रूप से विकसित बेस स्टेशनों और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके तेज स्पीड कम्युनिकेशन 1 जीबीपीएस पर काम करके दिखाया।
दूरसंचार विभाग (DoT) ने भारतीय स्टार्ट-अप और उद्योग को 5G में प्रोत्साहित करने के लिए आईआईटी मद्रास में स्थित बड़े पैमाने पर 5G परीक्षण परियोजना को वित्त पोषित किया और इसमें आठ अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को शामिल किया। टेस्टबेड विभिन्न अनुसंधान एवं विकास, उत्पाद विकास और क्षमता निर्माण गतिविधियों के लिए स्टार्ट-अप के अलावा उद्योग, शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थानों और सरकारी निकायों के लिए उपलब्ध है।
आईआईटी मद्रास और 5जी टेस्टबेड के शोधकर्ताओं ने स्वदेशी 5जी सिस्टम विकसित किया है और वर्तमान में 6जी प्रौद्योगिकियों को डिजाइन और विकसित करने पर काम कर रहे हैं। इसके अलावा, वे वैश्विक मानकीकरण गतिविधियों में भी भाग लेते हैं और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में भारतीय बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) विकसित करते हैं।
आईआईटी मद्रास के संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों को संबोधित करते हुए संचार मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने कहा कि मेरे छात्र, हमारे देश के युवा देश के तकनीकी और आर्थिक परिवर्तन के मामले में सबसे आगे हैं। यहां आईआईटी मद्रास में स्वदेशी 5जी टेस्टबेड प्रोजेक्ट जैसी पहल न केवल भारत की बढ़ती नवाचार क्षमताओं का प्रमाण है, बल्कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि स्वदेशी प्रौद्योगिकी विनिर्माण भारत की आर्थिक वृद्धि, रोजगार के अवसर पैदा करने, नवाचार को बढ़ावा देने और दूरसंचार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारे वैश्विक कद को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आईआईटी मद्रास परिसर में 5जी लैब और अपडेट ऑप्टिकल कम्युनिकेशन टेस्टबेड का भी दौरा किया। उन्होंने 5जी टेस्टबेड और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास के संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों के साथ भी बातचीत की।
इस अवसर पर बोलते हुए आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने कहा कि उच्च शैक्षणिक संस्थानों ने नए युग की प्रौद्योगिकियों की खोज और विकास करके खुद को विकसित भारत @2047 के लिए समर्पित कर दिया है। 5G प्रोजेक्ट ऐसा ही एक प्रयास है। संचार मंत्री की यात्रा ने हमारी टीम को संचार प्रौद्योगिकियों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में और अधिक उन्नत अनुसंधान और विकास करने के लिए उत्साहित किया है।
आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर और 5जी टेस्टबेड और संकाय के भास्कर राममूर्ति ने कहा कि स्वदेशी 5जी टेस्टबेड परियोजना ने भारतीय टेलीकॉम आर एंड डी और स्टार्ट-अप के लिए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और समय पर प्रयास शुरू करने और 6जी प्रौद्योगिकी में अग्रणी बनने के लिए मंच तैयार किया है।
प्रोफेसर राधाकृष्ण गंती ने आईआईटी मद्रास में 5जी रेडियो सिस्टम के विकास का नेतृत्व किया। उनकी टीम फिलहाल 6जी तकनीक डिजाइन कर रही है। उन्होंने वैश्विक मानक निकायों में कई योगदान दिए थे और दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक दूरसंचार पहुंच और कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए आईटीयू (इंटरनेशनल टेलीकॉम यूनियन) में ग्रामीण उपयोग के मामलों के विकास का नेतृत्व किया था। वायरलेस और सेल्युलर नेटवर्क के विश्लेषण के लिए स्टोकेस्टिक ज्योमेट्री पर उनके काम को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है।