पीठ ने कहा कि जब तक सुरक्षा मानदंडों और सम्मानजनक जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूरा पालन होता है, तब तक कोचिंग संस्थान ऑनलाइन संचालित कर सकते हैं।
Press Trust of India | August 5, 2024 | 04:00 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली के राजिंदर नगर में एक कोचिंग संस्थान के यूपीएससी छात्रों की मौत के बाद आज (5 अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी को कारण बताओ नोटिस भेजा है। कोर्ट ने कोचिंग संस्थानों में हाल ही में हुई घटनाओं पर चिंता जताई, जिसके बाद उसने कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा को लेकर सरकार को नोटिस जारी किया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोचिंग सेंटर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। कोचिंग सेंटर मौत का अड्डा बन गए हैं। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली के मुख्य सचिव और एमसीडी को नोटिस जारी कर पूछा कि क्या कोचिंग सेंटरों में सुरक्षा नियम लागू किए गए हैं? कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा है कि वह इस मामले में कोर्ट की मदद करें।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हुई हालिया घटना सभी के लिए आंखें खोलने वाली है। पीठ ने कहा कि जब तक सुरक्षा मानदंडों और सम्मानजनक जीवन के लिए बुनियादी मानदंडों का पूरा पालन होता है, तब तक कोचिंग संस्थान ऑनलाइन संचालित कर सकते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ओल्ड राजेंद्र नगर में राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल में हुई तीन छात्रों की मौत की जांच शहर की पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी। कोर्ट ने ऐसा इसलिए किया ताकि लोगों को जांच पर कोई संदेह न रहे।
बता दें कि 27 जुलाई की शाम को ओल्ड राजिंदर नगर में कोचिंग संस्थान की इमारत के बेसमेंट में बारिश का पानी घुस जाने से श्रेया यादव, तान्या सोनी और नेविन डालविन की मौत हो गई थी। हादसे के बाद से ही छात्र लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और नगर निगम की लापरवाही को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
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Santosh Kumar