CBSE: सीबीएसई ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सहयोग से ‘नशे को न कहें और जीवन को हां’ अभियान का आयोजन किया
Abhay Pratap Singh | August 28, 2024 | 06:31 PM IST | 2 mins read
“नशे को न कहें और जीवन को हां कहें” कार्यक्रम को ऑफलाइन और सीबीएसई यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से आयोजित किया गया।
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आज यानी 28 अगस्त को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के सहयोग से मॉडर्न स्कूल, वसंत विहार, नई दिल्ली में “नशे को न कहें और जीवन को हां” अभियान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और समुदाय को नशीली दवाओं के दुरुपयोग से जुड़े गंभीर खतरों के बारे में शिक्षित करना तथा एक स्वस्थ, नशा मुक्त जीवन शैली को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम को ऑफलाइन और सीबीएसई यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 7000 से अधिक छात्रों, अभिभावकों और शिक्षक समुदाय की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की गई। उपस्थित लोगों ने सूचनात्मक प्रस्तुतियों और इंटरैक्टिव सत्रों में भाग लिया, जिसमें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण, प्रभाव और रोकथाम की रणनीतियों को शामिल किया गया।
इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र के माध्यम से उपस्थित लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। “नशे को न कहें और जीवन को हां कहें” कार्यक्रम में बताया गया कि किस प्रकार युवा छात्रों के लिए सहायक वातावरण, उन्हें साथियों के दबाव का प्रतिरोध करने तथा स्वस्थ जीवन के लिए सही विकल्प चुनने में सक्षम बनाया जा सकता है।
“Say No to Drugs and Yes to Life” कार्यक्रम में सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के उप महानिदेशक नीरज कुमार गुप्ता, एनसीबी के अतिरिक्त निदेशक एन मृणाल उपस्थित हुए। कार्यक्रम में मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली की प्राचार्य विभा खोसला सहित अन्य व्यक्ति भी शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान मादक पदार्थों के सेवन से निपटने के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभी सीबीएसई संबद्ध स्कूलों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एनसीबी के साथ समझौता ज्ञापन करने की भी योजना बना रहा है। यह अभियान सामूहिक रूप से युवाओं के लिए सुरक्षित नशा मुक्त वातावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने का एक प्रयास है।
बता दें कि, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी से निपटने के लिए साल 1985 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट को लागू किया गया था। इस एक्ट के तहत भारी मात्रा में ड्रग्स से जुड़े गंभीर अपराधों के लिए आजीवन कारावास या मृत्युदंड सहित कठोर दंड का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त, यह एक्ट नशीली दवाओं पर निर्भर व्यक्तियों के उपचार और पुनर्वास को बढ़ावा देता है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय करके अधिनियम को लागू करता है तथा मात्रा के आधार पर लघु, मध्यम और वाणिज्यिक कैटेगरी में दंड को वर्गीकृत करता है।
विशेष प्रावधानों में नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने की भी अनुमति है, जबकि पीआईटीएनडीपीएस (PITNDPS) में अवैध नशीली दवाओं के व्यापार को रोकने के लिए व्यक्तियों को हिरासत में लेने के लिए कड़े कानूनों को शामिल किया गया है। इस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आने वाले अपराधों के लिए दंड अलग-अलग है।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट
- Govt Survey: एक तिहाई स्कूली बच्चे लेते हैं निजी कोचिंग, शहरों में यह प्रवृत्ति अधिक, सरकारी सर्वे में खुलासा
- NEET PG 2025 Result: नीट पीजी रिजल्ट 3 सितंबर तक होगा जारी, लाखों उम्मीदवारों को इंतजार, जानें अपेक्षित कटऑफ
- Coursera Global Skills Report 2025: भारत वैश्विक रैंकिंग में 89वें स्थान पर, एआई और टेक स्किल की मांग में तेजी
- NEET UG 2025: उत्तर प्रदेश के टॉप सरकारी मेडिकल कॉलेज कौन से हैं? पात्रता, फीस और रैंक जानें
- NEET UG 2025 Counselling: एम्स दिल्ली के लिए नीट में कितने मार्क्स चाहिए? जानें संभावित कैटेगरी वाइज कटऑफ
- Parakh Rashtriya Sarvekshan: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा- स्कूली शिक्षा की स्थिति चिंताजनक, मोदी सरकार उदासीन
- Bihar Govt Jobs: 35% आरक्षण अब सिर्फ बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए, बीपीएससी ने जारी की अधिसूचना
- NEET UG 2025: सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कितनी सीटें? पिछले साल हुई बढ़ोतरी, जानें राज्यवार डिटेल