BPSC News: 'गुरु रहमान' ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को खून से लिखा पत्र, बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग

Press Trust of India | January 22, 2025 | 10:44 PM IST | 2 mins read

पटना के शिक्षक गुरु रहमान ने कहा, "यह तो बस ट्रेलर है... अगर जरूरत पड़ी तो मैं छात्रों के कल्याण के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं।"

शिक्षक ने कहा कि वे पत्र की प्रतियां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सीएम नीतीश कुमार, बीपीएससी अध्यक्ष और सचिव को भी भेजेंगे। (इमेज-X/@ChapraZila)

बिहार: पटना के शिक्षक मोती-उर-रहमान खान, जिन्हें 'गुरु रहमान' के नाम से जाना जाता है, ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत अन्य को पत्र लिखकर बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग की है। रहमान ने दावा किया कि उन्होंने यह पत्र अपने खून से लिखा है। शिक्षक ने यह भी कहा कि वे पत्र की प्रतियां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, सीएम नीतीश कुमार, बीपीएससी अध्यक्ष और सचिव को भी भेजेंगे।

अपने हाथ पर कट के निशान दिखाते हुए 'गुरु रहमान' ने कहा, ''यह तो बस एक ट्रेलर है... अगर जरूरत पड़ी तो मैं छात्रों के हित के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं।'' बता दें कि बीपीएससी की परीक्षा 13 दिसंबर, 2024 को हुई थी।

BPSC Result: 'बीपीएससी को कोई शर्म नहीं'

रहमान ने कहा कि छात्र पिछले 34 दिनों से धरने पर हैं और बीपीएससी को कोई शर्म नहीं है। उन्होंने कहा, "मैं प्रदर्शनकारी छात्रों के लिए न्याय चाहता हूं। हम महात्मा गांधी के देश में रह रहे हैं...छात्रों की आवाज सुनी जानी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "मैंने राष्ट्रपति, पीएम, सीएम, राज्यपाल, बीपीएससी अध्यक्ष और सचिव को पत्र लिखकर 13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को रद्द करने की मांग की है...छात्र दोबारा परीक्षा चाहते हैं।"

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BPSC 70th News: भाजपा कार्यालय के बाहर धरना

इस बीच, छात्रों के एक समूह ने परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर राज्य भाजपा कार्यालय के बाहर धरना दिया। छात्र इस मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और राज्य भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल से मिलना चाहते थे।

दोनों ही पार्टी के नेता कार्यालय में मौजूद नहीं थे। बाद में पुलिस कर्मियों ने छात्रों को वहां से हटाया। पिछले साल 13 दिसंबर को बीपीएससी द्वारा आयोजित सीसीई परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण विवादों में घिर गई है।

एक तरफ सरकार ने आरोपों को खारिज किया है। लेकिन आयोग ने पटना के एक केंद्र पर 12,000 से अधिक अभ्यर्थियों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की। प्रदर्शनकारियों ने इसे "समान अवसर" के सिद्धांत के खिलाफ बताया है।

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