Santosh Kumar | March 19, 2025 | 10:56 AM IST | 1 min read
नकली वेबसाइट डिटेक्शन सॉल्यूशन का इस्तेमाल करके दुर्भावनापूर्ण या नकली वेबसाइट और असली वेबसाइट के बीच अंतर कर सकते हैं।
पणजी: गोवा स्थित बिट्स पिलानी के छात्रों ने ऑनलाइन कट्टरपंथी सामग्री का पता लगाने के लिए एक नवोन्मेषी समाधान विकसित किया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शैक्षणिक संस्थान के प्रयासों की सराहना की है। यह नवोन्मेषी समाधान देश में सुरक्षा एजेंसियों की मदद कर सकता है। इसे गोवा पुलिस ने भी अपनाया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिट्स पिलानी की इस परियोजना की प्रशंसा की है। शाह को हाल ही में नए बनाए गए अधिनियमित आपराधिक कानूनों (बीएनएस और बीएनएसएस) के कार्यान्वयन पर एक प्रेजेंटेशन दिखाया गया था।
प्रस्तुति के लिए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत मौजूद थे। संस्थान के गोवा परिसर में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के एक संकाय सदस्य डॉ हेमंत राठौर ने कहा कि छात्रों ने अपने संपर्क कार्यक्रम के हिस्से के रूप में दो समाधान विकसित किये हैं।
इसके माध्यम से कट्टरपंथी सामग्री और नकली यूआरएल का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा एजेंसियां कट्टरपंथी सामग्री वाले वीडियो का पता लगाने के लिए कट्टरपंथी सामग्री पहचान समाधान का इस्तेमाल कर सकती हैं।"
इसकी मदद से आम लोग नकली वेबसाइट डिटेक्शन सॉल्यूशन का इस्तेमाल करके दुर्भावनापूर्ण या नकली वेबसाइट और असली वेबसाइट के बीच अंतर कर सकते हैं। इस बीच, बिटसैट 2025 के दोनों सत्रों के लिए आवेदन जारी है।
जो उम्मीदवार बिटसैट के लिए उपस्थित होना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट bitsadmission.com के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 18 अप्रैल, 2025 है।
बिटसैट 2025 दो सत्रों में कंप्यूटर आधारित परीक्षा के रूप में आयोजित किया जाएगा। पहला सत्र 26 से 30 मई, 2025 तक आयोजित किया जाएगा, जबकि दूसरा सत्र 22 से 26 जून, 2025 तक निर्धारित है।
इनपुट-पीटीआई