एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने कहा कि तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ाई के साथ-साथ शोध भी करना होगा।
Santosh Kumar | March 13, 2024 | 11:35 AM IST
नई दिल्ली: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने देश में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए 'वाणी योजना' (वाइब्रेंट एडवोकेसी फॉर एडवांसमेंट एंड नर्चरिंग ऑफ इंडियन लैंग्वेजेस) शुरू की है। इसकी मदद से छात्रों को अपनी भाषा में तकनीकी शिक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने योजना की शुरुआत की।
इस योजना के तहत एआईसीटीई द्वारा स्वीकृत संस्थानों को 12 क्षेत्रीय भाषाओं में न्यूनतम 2 दिन से अधिकतम 3 दिन तक तकनीकी शिक्षा के लिए सम्मेलन, सेमिनार या कार्यशाला आयोजित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
हर साल 100 सम्मेलनों को प्रति सम्मेलन 2 लाख रुपये की अर्थिक सहायता मिलेगी। इन सम्मेलनों में प्रति क्षेत्रीय भाषा में आठ सम्मेलन (गुजराती, मराठी, तेलुगु, तमिल, पंजाबी, बंगाली, कन्नड़, असमिया, मलयालम, उड़िया, उर्दू) और हिंदी भाषा में 12 सम्मेलन शामिल होंगे।
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एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीताराम ने कहा कि तकनीकी कॉलेजों के छात्रों को अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ाई के साथ-साथ शोध भी करना होगा। इस योजना के तहत एआईसीटीई सालाना 2 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति करेगी। एआईसीटीई अध्यक्ष ने कहा कि एआईसीटीई-वाणी योजना क्षेत्रीय भाषाओं में शोध पत्रों को बढ़ावा देगी और संस्थानों और उद्योग के बीच सहयोग को और बढ़ाएगी।
बता दें कि एआईसीटीई द्वारा स्वीकृत संस्थानों के लिए आवेदन 10 अप्रैल 2024 तक खुले हैं। संस्थानों की चयन प्रक्रिया से संबंधित अधिक जानकारी एआईसीटीई की आधिकारिक वेबसाइट aicte-india.org पर उपलब्ध है।
चयनित होने पर, एआईसीटीई संस्थानों को सेमिनार, कार्यशालाएं, सम्मेलन आयोजित करने की मंजूरी देगा। ये सम्मेलन, सेमिनार या कार्यशालाएं योजना के अंतर्गत आने वाले इन 12 उभरते क्षेत्रों पर आयोजित की जाएंगी।
बीएसईबी कक्षा 12वीं का परिणाम जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट जारी कर सकता है। हालांकि, इससे पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अधिकतम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की लिखावट का मिलान करेगी।
Santosh Kumar