Santosh Kumar | September 22, 2025 | 07:25 AM IST | 2 mins read
राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने इन अभ्यर्थियों की सूची जारी कर उन्हें इस साल यूपी नीट पीजी काउंसलिंग में भाग लेने से रोक दिया है।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में नीट पीजी काउंसलिंग 2025 की तैयारियों के बीच एक बड़ा फैसला लिया गया है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीजीएमई) ने इस साल की काउंसलिंग से 148 उम्मीदवारों को रोक दिया है, जिन्होंने पिछले साल खाली सीटों के दौर में सीटें आवंटित होने के बावजूद प्रवेश नहीं लिया था। डीजीएमई के अनुसार, इन उम्मीदवारों को न केवल काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर रखा जाएगा, बल्कि उनकी जमानत राशि भी जब्त कर ली जाएगी।
स्ट्रे वैकेंसी राउंड पिछले साल की काउंसलिंग का अंतिम चरण है, जहां बची हुई सीटों का आवंटन किया जाता है। पिछले साल, कई उम्मीदवारों ने इस राउंड में सीटें हासिल की थीं, लेकिन दाखिला नहीं लिया, जिससे कॉलेजों में सीटें खाली रह गईं।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने इन अभ्यर्थियों की सूची जारी कर उन्हें इस साल काउंसलिंग में भाग लेने से रोक दिया है। यह प्रतिबंध उन अभ्यर्थियों पर भी लागू होगा जिन्होंने पिछले साल प्रवेश तो लिया था, लेकिन बीच में ही कोर्स छोड़ दिया।
यदि कोई अभ्यर्थी सरकारी या निजी मेडिकल/डेंटल कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद, पाठ्यक्रम पूरा करने से पहले, काउंसलिंग के अंतिम दौर के बाद सीट छोड़ देता है, तो उसे अगले शैक्षणिक सत्र में शामिल होने से रोक दिया जाएगा।
बता दें कि नीट पीजी परीक्षा राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है जिसके माध्यम से एमबीबीएस उत्तीर्ण छात्र एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) और एमएस (मास्टर ऑफ सर्जरी) जैसे स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश पा सकते हैं।
ऐसे उम्मीदवारों को परीक्षा पास करने के बाद काउंसलिंग में भाग लेना अनिवार्य है। नीट पीजी 2025 परीक्षा 3 अगस्त को हुई और परिणाम 19 अगस्त को जारी किए गए। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी जल्द ही काउंसलिंग शेड्यूल जारी करेगी।