UPTET News 2025: टीईटी अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट में रिवीजन दायर करेगा शिक्षा विभाग, सीएम ने दिए निर्देश

Abhay Pratap Singh | September 16, 2025 | 07:47 PM IST | 2 mins read

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, 5 वर्ष से अधिक सेवाकाल वाले सभी सरकारी स्कूल शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा।

यूपी सीएम योगी ने कहा, प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं, ऐसे में सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है। (स्त्रोत-आधिकारिक एक्स/CMOUP)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए रिवीजन दायर करने का शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है। यूपी सीएमओ ने 16 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर यह जानकारी साझा की है।

आधिकारिक पोस्ट के अनुसार, “सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है।”

आगे कहा गया कि, “मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है। ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है।”

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर, 2025 को निर्णय दिया कि 5 वर्ष से अधिक सेवाकाल वाले सभी सरकारी स्कूल शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति या इस्तीफा देना पड़ेगा। यूपी सरकार अब एससी के इस आदेश के खिलाफ रिवीजन याचिका दाखिल करेगी।

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उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री संदीप सिंह ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता से संबंधित माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया गया है।”

मंत्री संदीप सिंह ने आगे कहा, प्रदेश के शिक्षकों ने अपनी निष्ठा और सेवाभाव से न केवल ज्ञान का प्रसार किया है, बल्कि पीढ़ियों को संस्कारित कर राष्ट्र निर्माण की आधारशिला को मजबूत किया है। हमारे शिक्षकों का अनुभव और उनकी योग्यता शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि नियुक्ति चाहने वाले शिक्षकों और पदोन्नति चाहने वाले सेवारत शिक्षकों, दोनों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य है। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह आदेश अल्पसंख्यक दर्जे वाले शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं होगा।

टीईटी अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में दो शिक्षकों द्वारा कथित तौर पर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। बताया गया कि, एससी द्वारा अनिवार्य की गई शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के दबाव को झेलने में वे असमर्थ थे।

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