यूपीएमएसपी के मुताबिक, प्रदेश के 62 जिलों के कुल 420 स्कूलों ने अभी तक बोर्ड की वेबसाइट पर छात्रों के अंक अपलोड नहीं किए हैं। हालांकि, अगर तय समय सीमा तक अंक अपलोड नहीं किए गए तो परीक्षार्थियों को फेल घोषित कर दिया जाएगा।
Saurabh Pandey | April 7, 2025 | 10:26 AM IST
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपीएमएसपी) ने परीक्षार्थियों के शैक्षिक विवरणों की त्रुटियों को सुधारने का एक और मौका दिया है। यूपी बोर्ड परीक्षा में शामिल छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विवरणों में यदि अभी भी विषय/वर्ग, नाम, माता/पिता के नाम में वर्तनी त्रुटि, जन्मतिथि, जेंडर, जाति, फोटो आदि का संशोधन बाकी है तो संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य बोर्ड की वेबसाइट पर सात से नौ अप्रैल की शाम छह बजे तक आवेदन कर सकते हैं।
बोर्ड की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश की वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं में सम्मिलित हुए छात्र/छात्राओं के शैक्षिक विवरणों में यदि अभी भी किसी प्रकार की त्रुटि जैसे - विषय/वर्ग, छात्र के नाम, माता/पिता के नाम में वर्तनी त्रुटि, जन्मतिथि, जेंडर, जाति, फोटो आदि का संशोधन बाकी है तो परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in पर प्रधानाचार्य द्वारा लॉगिन कर निर्धारित प्रारूप एवं मैन्युअल को डाउनलोड कर लें।
इसके बाद संबंधित प्रधानाचार्य द्वारा निर्धारित प्रारूप पर अपेक्षित संशोधन का विवरण मैन्युअल के अनुसार दर्ज कर स्वयं सत्यापित करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक से अप्रूव कराने के बाद विद्यालय द्वारा वेबसाइट पर पुनः लॉगिन कर पूरित प्रारूप एवं समस्त आवश्यक साक्ष्य / प्रपत्रों को अपलोड कर दिया जाए। इसके लिए 7 अप्रैल 2025 से 9 अप्रैल 2025 को शाम 6 बजे तक परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in सक्रिय रहेगी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने राज्य के सभी स्कूल प्रिंसिपलों और प्रमुखों को शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए नैतिकता, योग, खेल और शारीरिक शिक्षा विषयों के लिए छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के अंक अपलोड करने का निर्देश दिया है। बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर छात्रों के अंक जमा करने की अंतिम तिथि 7 अप्रैल शाम 4 बजे तक है।
यूपीएमएसपी के मुताबिक, प्रदेश के 62 जिलों के कुल 420 स्कूलों ने अभी तक बोर्ड की वेबसाइट पर छात्रों के अंक अपलोड नहीं किए हैं। हालांकि, अगर तय समय सीमा तक अंक अपलोड नहीं किए गए तो परीक्षार्थियों को फेल घोषित कर दिया जाएगा। साथ ही, अगर स्कूल के प्रधानाचार्यों की लापरवाही के कारण छात्रों के परीक्षा अंक प्रभावित होते हैं तो जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक इसकी उचित निगरानी के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।