UP Government: यूपी सरकार राज्य के 500 से अधिक संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को देगी छात्रवृत्ति

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि संशोधन से सरकारी खजाने पर 19.65 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए, छात्रवृत्ति योजना के आवेदन ऑफलाइन जमा किए जा सकते हैं, अगले वित्तीय वर्ष में एक ऑनलाइन प्रणाली लागू की जाएगी।

छात्रवृत्ति योजना के आवेदन ऑफलाइन जमा किए जा सकते हैं। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)छात्रवृत्ति योजना के आवेदन ऑफलाइन जमा किए जा सकते हैं। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | August 28, 2024 | 04:02 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य के 500 से अधिक संस्कृत स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को छात्रवृत्ति देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इन स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है।

इस बैठक में इस शर्त को भी हटा दिया गया है कि छात्रवृत्ति के लिए छात्रों की पारिवारिक आय सालाना 50,000 रुपये से कम होनी चाहिए। नई छात्रवृत्ति राशि 50 रुपये से 200 रुपये प्रति माह के बीच होगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि छात्रवृत्ति को दो दशकों से अधिक समय के बाद संशोधित किया गया है। छात्रवृत्ति की राशि में अंतिम संशोधन 2001 में किया गया था।

Background wave

बैठक के बाद माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि संस्कृत शिक्षा प्राप्त करने वाले अधिकांश बच्चे गरीब तबके से हैं, इसलिए अब प्रथमा के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

नए बदलाव के साथ छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी

माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि कक्षा 6 और 7 के छात्रों को अब 50 रुपये प्रति माह मिलेंगे, जबकि कक्षा 8 के छात्रों को 75 रुपये प्रति माह मिलेंगे। पहले, पूर्व मध्यमा (कक्षा 9 और 10) के छात्रों को 50 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति मिलती थी, और उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 और 12) के छात्रों को 80 रुपये प्रति माह मिलते थे। नए बदलावों के साथ, कक्षा 9 और 10 के छात्रों को प्रति माह 100 रुपये मिलेंगे, और कक्षा 11 और 12 के छात्रों को प्रति माह 200 रुपये दिए जाएंगे।

राज्य के 517 संस्कृत विद्यालयों के छात्रों को मिलेगा लाभ

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने घोषणा की कि छात्रवृत्ति के लिए आय सीमा, जो पहले 50,000 रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों तक सीमित थी, अब हटा दी गई है। उन्होंने इस कहा कि प्रस्ताव के कार्यान्वयन से राज्य के 517 संस्कृत विद्यालयों में वर्तमान में नामांकित 1,21,573 छात्रों को लाभ होगा।

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छात्रवृत्ति योजना के आवेदन ऑफलाइन

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि संशोधन से सरकारी खजाने पर 19.65 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए, छात्रवृत्ति योजना के आवेदन ऑफलाइन जमा किए जा सकते हैं, अगले वित्तीय वर्ष में एक ऑनलाइन प्रणाली लागू की जाएगी।

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