गिरफ्तार आरोपी धनेश मिश्रा ने बताया कि वह फर्जी मार्कशीट के लिए 15 हजार रुपए से 2,40,000 रुपए तक वसूलता था।
Press Trust of India | March 20, 2025 | 09:23 PM IST
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (STF) ने जाली शैक्षणिक प्रमाणपत्र जारी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा किया है। जानकारी के मुताबिक, यूपी एसटीएफ ने फेक सर्टिफिकेट मामले में एक सदस्य को भी गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ द्वारा जारी एक बयान के कहा गया कि, धनेश मिश्रा नामक जालसाज को बुधवार (19 मार्च) को आगरा में विभिन्न विश्वविद्यालयों और शिक्षा परिषदों से जाली अंकपत्र और शैक्षणिक प्रमाण पत्र बनाने और वितरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
यूपी एसटीएफ ने आरोपी के कब्जे से चार लैपटॉप, 942 जाली मार्कशीट/प्रमाण पत्र, 104 खाली मार्कशीट/प्रमाण पत्र आदि सहित कई सामग्री बरामद की। पूछताछ के दौरान आरोपी ने एसटीएफ को बताया है कि उसने ऐसे अनेक लोगों के लिए जाली प्रमाण पत्र बनाए हैं और वह लगभग दो साल से यह काम कर रहा था।
जानकारी के अनुसार, जाली शैक्षणिक प्रमाणपत्र गिरोह के पकड़े गए आरोपी धनेश मिश्रा ने बताया कि वह फर्जी मार्कशीट के लिए 15 हजार रुपए से 2,40,000 रुपए तक वसूलता था। पिछले साल जनवरी में यूपी एसटीएफ ने फर्जी शैक्षणिक प्रमाण मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
यूपी एसटीएफ की टीम ने आगरा से चार लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से बड़ी संख्या में खाली मार्कशीट, माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश और डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 349 होलोग्राम तथा मुहर बनाने की मशीन बरामद हुई थी।
पकड़े गए लोगों की पहचान आगरा निवासी अर्जुन, नेकराम कुशवाहा और पंकज शर्मा तथा फिरोजाबाद का रहने वाला मोहित गुप्ता के रूप में हुई थी। सूत्रों के मुताबिक, नेक राम कुशवाहा 2007 में फर्जी मार्कशीट बनाने के आरोप में जेल भी जा चुका है।