UP Agniveer Quota: उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस विभाग में अग्निवीरों को देगी 20% आरक्षण, 2026 में होगी पहली भर्ती

राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है। आरक्षण सभी श्रेणियों - सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी पर लागू होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। (स्त्रोत-एक्स/@myogiadityanath)

Press Trust of India | June 3, 2025 | 03:12 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज यानी 2 जून (मंगलवार) को राज्य पुलिस बल में कांस्टेबल, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन सहित कई पदों पर सीधी भर्ती में अग्निवीरों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यह जानकारी दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री खन्ना ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य अग्निपथ योजना के तहत अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व अग्निवीरों को सार्थक सेवा के बाद अवसर प्रदान करना है।

राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने आगे कहा, “यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है। आरक्षण सभी श्रेणियों - सामान्य, एससी, एसटी और ओबीसी पर लागू होगा। अगर कोई अग्निवीर एससी श्रेणी से संबंधित है, तो आरक्षण एससी के भीतर लागू होगा; अगर ओबीसी है, तो ओबीसी के भीतर।”

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खन्ना ने कहा कि इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अग्निवीरों को तीन साल तक की विशेष आयु छूट भी दी की जाएगी। इस संबंध में भर्ती की चार श्रेणियां हैं- कांस्टेबल पुलिस, कांस्टेबल पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन, जिनमें अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के तहत भर्ती का पहला बैच 2026 में आएगा।

मंत्री ने कहा, “कई राज्यों और केंद्रीय बलों ने अग्निवीरों को आरक्षण देने के लिए पहल की है। सीआईएसएफ, बीएसएफ और हरियाणा तथा ओडिशा जैसे राज्यों ने पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण की पेशकश की है। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने अब 20 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है, जो एक साहसिक और उदार पहल है।”

उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, “यह न केवल उनकी (अग्निवीरों की) सेवा को मान्यता देता है बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि वे अपने सैन्य कार्यकाल के बाद भी देश के सुरक्षा ढांचे में योगदान देना जारी रख सकें।”

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