Press Trust of India | August 25, 2025 | 01:50 PM IST | 2 mins read
एसएससी के छात्रों और प्रशिक्षकों ने परीक्षा के बेहतर संचालन की मांग को लेकर 24 अगस्त को, 2025 को रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली: राजनीतिक दलों ने भर्ती परीक्षाओं में ‘‘कुप्रबंधन’’ को लेकर रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के अभ्यर्थियों के खिलाफ कथित तौर पर बल प्रयोग करने के लिए दिल्ली पुलिस की आलोचना की। वहीं, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करने के दावों को खारिज कर दिया है।
एसएससी के छात्रों और प्रशिक्षकों ने परीक्षा के बेहतर संचालन की मांग को लेकर रविवार को रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें पुलिसकर्मी एक प्रदर्शनकारी को धक्का देते और दूसरे को घसीटते नजर आ रहे हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘दिल्ली के रामलीला मैदान में भाजपा की ‘लाठी-लीला’। एसएससी के छात्रों और शिक्षकों पर बर्बर लाठीचार्ज, उन्हें ज़बरदस्ती घसीटते हुए ले जाया गया। रोजगार देने के मामले में मोदी सरकार सबसे पीछे है, लेकिन युवाओं पर लाठीचार्ज करने के मामले में पहले नंबर पर है।’’
कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने भी देर रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इसी तरह के आरोप लगाए। उसने कहा, ‘‘निष्पक्ष एसएससी भर्ती की मांग करने पर आज मोदी सरकार ने छात्रों पर लाठियां चलवाईं। जो बेरोज़गारी दूर नहीं कर पाए, वे अब युवाओं की आवाज़ दबाने में लगे हैं।’’
इस बीच, दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लगभग 1,500 प्रदर्शनकारी रामलीला मैदान में एकत्र हुए तथा कई अनुरोधों और सूचनाओं के बावजूद 100 ने निर्धारित समय के बाद वहां से जाने से इनकार कर दिया। अधिकारी ने कहा, ‘‘वहां से जाने से इनकार करने वाले प्रदर्शनकारियों में से 44 को हिरासत में लिया गया। कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया।’’
बता दें, एसएससी परीक्षा में अचानक परीक्षा रद्द होने, सर्वर क्रैश होने, कम्प्यूटर प्रणाली के खराब होने और परीक्षा केंद्र उम्मीदवारों के घरों से 500 किलोमीटर दूर होने की कई शिकायतें सामने आई हैं। एसएससी अभ्यर्थियों की मांगों में व्यवस्थागत सुधार, मजबूत निगरानी तंत्र और शिकायतों का समय पर निवारण शामिल है।