इस परियोजना के तहत, 9वीं और 10वीं कक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले और पढ़ाई में कमजोर छात्रों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में पंजीकृत किया जाता है और उनके लिए अलग से कक्षाएं संचालित की जाती हैं।
पिछले 4 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, एनआईओएस प्रोजेक्ट के तहत केवल 30% छात्र ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुए और 70% असफल रहे।