Press Trust of India | August 13, 2025 | 06:37 PM IST | 1 min read
राजस्थान एचसी ने एमबीबीएस की छात्रा अंकिता सिंगोदिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUSH) को एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है।
जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan HC) ने सड़क दुर्घटना के कारण दृष्टिहीन हुई एमबीबीएस की छात्रा के मामले में संबंधित प्राधिकारियों को एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया है। इस समिति द्वारा जांच के आधार पर तय किया जाएगा कि दृष्टिहीन छात्रा को अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है या नहीं।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड ने 12 अगस्त को एमबीबीएस की छात्रा अंकिता सिंगोदिया की याचिका पर सुनवाई की, जो 2017 में एक सड़क दुर्घटना के बाद पूरी तरह से दृष्टिहीन हो गई थी। याचिकाकर्ता ने अगस्त 2014 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया और 2017 तक अपना पहला और दूसरा वर्ष पूरा कर लिया।
एमबीबीएस छात्रा अंकिता 7 अप्रैल, 2017 को एक दुर्घटना की शिकार हो गई और उसके सिर में गंभीर चोट लग गई, जिससे उसकी दृष्टि पूरी तरह चली गई। बाद में उसे इस आधार पर अपनी पढ़ाई जारी रखने से रोक दिया गया कि एमबीबीएस पाठ्यक्रम में सर्जरी और अन्य नैदानिक प्रक्रियाओं का व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है।
अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने की अनुमति के लिए, उसने उच्च न्यायालय का रुख किया। अदालत ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (RUSH) को एक समिति गठित करने का निर्देश दिया। यह समिति एमबीबीएस पाठ्यक्रम के शेष भाग को पूरा करने के लिए संभावित तरीकों का सुझाव देगी।
छात्रा अंकिता सिंगोदिया के अधिवक्ता साहिलेश प्रकाश शर्मा ने बताया कि जून 2020 में एक मेडिकल बोर्ड ने उन्हें पाठ्यक्रम जारी रखने की अनुमति देने की सिफारिश की थी। हालांकि, बाद में गठित एक बोर्ड की राय अलग थी और उसने कहा कि वह एक चिकित्सक के रूप में अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन नहीं कर पाएंगी।