Santosh Kumar | January 8, 2025 | 05:52 PM IST | 2 mins read
छात्र संगठन एसएफआई की नेत्री आइशी घोष ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के कुछ सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर हमला किया।
नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में आज (8 जनवरी) यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर छात्रों के बीच हिंसक झड़प हो गई। विवाद तब बढ़ गया जब छात्रों ने एक प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि प्रोफेसर ने नाबालिग छात्रा का यौन उत्पीड़न किया है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
जानकारी के अनुसार, रामजस यूनाइटेड स्टूडेंट्स यूनियन (आरजेएसयू) ने दोपहर 12:30 बजे आरोपी प्रोफेसर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई।
छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की नेत्री आइशी घोष ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कुछ सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों पर हमला किया।
घोष ने कहा, "उन्होंने छात्रों को डंडों से पीटा और फूलों के गमले फेंके। तीसरे वर्ष का एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया।" इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है।
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दूसरी ओर, एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हिंसा में शामिल लोग उनके संगठन से नहीं थे। एबीवीपी के एक पदाधिकारी ने कहा, "हम प्रोफेसर की बर्खास्तगी और पुलिस जांच की भी मांग कर रहे हैं।
पदाधिकारी ने कहा कि हमने कॉलेज प्रशासन से कार्रवाई करने की अपील की है। बता दें कि प्रदर्शन के दौरान अंग्रेजी विभाग के एक प्रोफेसर ने छात्रों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन छात्रों का प्रदर्शन बढ़ता ही गया।
एसएफआई ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन ने घटना को छिपाने के लिए छात्रों के फोन जब्त कर लिए। एबीवीपी ने प्रोफेसर की बर्खास्तगी और जांच की मांग को लेकर डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर धरना दिया।