Quad Scholarship: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के इंजीनियरिंग छात्रों को भारत देगा 500,000 डॉलर की छात्रवृत्ति

इस साल क्वाड लीडर्स समिट 2024 भारत में होनी थी, लेकिन राष्ट्रपति बाइडेन ने इसे अपने गृहनगर में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।

पहली बार इस फेलोशिप में आसियान देशों के छात्रों को भी शामिल किया जाएगा। (इमेज-X/@narendramodi)पहली बार इस फेलोशिप में आसियान देशों के छात्रों को भी शामिल किया जाएगा। (इमेज-X/@narendramodi)

Press Trust of India | September 23, 2024 | 10:40 AM IST

विलमिंगटन: भारत ने इंडो-पैसिफिक के छात्रों को 500,000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की 50 क्वाड छात्रवृत्तियां प्रदान करने की घोषणा की है। चौथे इन-पर्सन क्वाड समिट 2024 के बाद विलमिंगटन में इसकी घोषणा की गई। इसमें कहा गया है कि ये स्कॉलरशिप छात्रों को भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित तकनीकी संस्थान में 4 वर्षीय स्नातक इंजीनियरिंग कार्यक्रम करने में सक्षम बनाएंगी।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की मेजबानी में क्वाड लीडर्स समिट शनिवार (21 सितंबर) को उनके गृहनगर विलमिंगटन, डेलावेयर में आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया।

Background wave

घोषणा में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों में 4 वर्षीय इंजीनियरिंग कार्यक्रमों के लिए इंडो-पैसिफिक के छात्रों को 50 क्वाड छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी, जिसका कुल मूल्य 500,000 अमेरिकी डॉलर होगा।

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निजी संस्थाओं से ली जाएगी मदद

घोषणापत्र के अनुसार, क्वाड फेलोशिप विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीति के क्षेत्र में नए लीडर्स का एक नेटवर्क तैयार कर रही है। क्वाड देशों की सरकारों ने अंतरराष्ट्रीय शिक्षा संस्थान के नेतृत्व में क्वाड फेलोशिप के दूसरे समूह का स्वागत किया।

पहली बार इस फेलोशिप में आसियान देशों के छात्रों को भी शामिल किया जाएगा। जापान सरकार इस फेलोशिप के छात्रों को जापान में अध्ययन करने में मदद कर रही है। घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि अगले समूह के लिए गूगल, प्रैट फाउंडेशन और वेस्टर्न डिजिटल जैसे निजी संस्थानों की मदद ली जाएगी।

बता दें कि इस साल क्वाड लीडर्स समिट 2024 भारत में होनी थी, लेकिन राष्ट्रपति बाइडेन ने इसे अपने गृहनगर में आयोजित करने का प्रस्ताव रखा। यह शिखर सम्मेलन राष्ट्रपति बाइडेन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के पद छोड़ने से पहले एक विदाई समारोह के तौर पर देखा जा रहा है।

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