Abhay Pratap Singh | February 7, 2024 | 02:54 PM IST | 1 min read
लोक परीक्षा विधेयक के तहत संदिग्ध को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का पुलिस को अधिकार दिया गया है। इसके अलावा गिरफ्तार आरोपी को जमानत नहीं दी जाएगी।
नई दिल्ली: सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक व अन्य गड़बड़ी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को लोकसभा में लोक परीक्षा विधेयक 2024 पेश किया था। जिसे लोकसभा में पास कर दिया गया है। इस विधेयक में पेपर लीक संबंधित अपराध के लिए 3 से 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
लोकसभा में लोक परीक्षा विधेयक 2024 पास होने के बाद, अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। पेपर लीक रोकथाम से जुड़े इस विधेयक को लोकसभा में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पेश किया था। मंत्री ने कहा कि पेपर लीक या धांधली से जुड़े अपराध से निपटने के लिए केंद्र सरकार व उसकी एजेंसियों के पास कोई मजबूत कानून नहीं है।
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लोक परीक्षा विधेयक 2024 के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी, एनटीए व आईबीपीएस के तहत होने वाली सरकारी भर्ती परीक्षाओं को शामिल किया गया है। वहीं, कक्षा 10वीं व 12वीं के बोर्ड एग्जाम व राज्य स्तर पर होने वाली परीक्षा इस विधेयक के दायरे में नहीं आएगी। यदि गवर्नमेंट ऑफिसर भी सरकारी भर्ती परीक्षा की गड़बड़ी में शामिल पाया गया, तो उस पर भी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही सरकारी भर्ती परीक्षा में नकल सहित अन्य धांधली में परीक्षा केंद्र की भूमिका सामने आने पर 4 साल के लिए उस सेंटर पर बैन लगा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त परीक्षा एजेंसी पर भी 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इस विधेयक के तहत संदिग्ध को पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। वहीं, गिरफ्तार आरोपी को जमानत भी नहीं दी जाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए। नियमानुसार आयु में अतिरिक्त छूट दी जाएगी।
Santosh Kumar