Santosh Kumar | July 30, 2025 | 02:28 PM IST | 1 min read
नड्डा ने कहा कि ग्रामीण आबादी को सेवा मुहैया करने के लिए परिवार दत्तक कार्यक्रम (एफएपी) को एमबीबीएस कोर्स में शामिल किया गया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंगलवार (29 जुलाई) को बताया कि 2014 से अब तक देश भर में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 780 हो गई है, जबकि इस क्षेत्र में स्नातक सीटें 51,348 से बढ़कर 1,15,900 और स्नातकोत्तर सीटें 31,185 से बढ़कर 74,306 हो गई हैं। उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
नड्डा ने कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और यूजी-पीजी सीटों की संख्या बढ़ा दी है। एलोपैथिक और आयुष दोनों प्रणालियों में 80 प्रतिशत पंजीकृत डॉक्टर उपलब्ध हैं, देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:811 होने का अनुमान है।
देश भर में 13,86,157 पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टर और 7,51,768 आयुष चिकित्सा पद्धति के डॉक्टर हैं। देश में विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में उपलब्ध डॉक्टरों की नियुक्ति का मामला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है।
हालांकि, स्वास्थ्य सेवा में कमियों को दूर करने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मदद प्रदान करती है। नड्डा ने कहा कि ग्रामीण आबादी को सेवा मुहैया करने के लिए एफएपी को एमबीबीएस कोर्स में शामिल किया गया है।
परिवार दत्तक कार्यक्रम (एफएपी) में मेडिकल कॉलेज गांवों को गोद लेते हैं और एमबीबीएस छात्र इन गांवों के परिवारों को गोद लेते हैं। उन्होंने कहा कि इससे परिवारों को सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बारे में शिक्षित करने में भी मदद मिलती है।
इनपुट्स-पीटीआई