गोधरा स्थित जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल के अधिकारियों और ट्रस्टी पर नीट 2024 परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप है। सीबीआई देश भर में हुए इस घोटाले की जांच कर रही है। माीडिया रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता छात्र ने नीट में 720 में से 106 अंक प्राप्त किए थे।
Saurabh Pandey | October 13, 2024 | 04:20 PM IST
नई दिल्ली : गुजरात में नीट यूजी की परीक्षा देने वाले एक छात्र ने एनटीए द्वारा उसके नीट यूजी का रिजल्ट जारी न करने पर गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल खेड़ा जिले के जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल में NEET UG 2004 की परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता छात्र भी परीक्षा दे रहा था। एनटीए द्वारा परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का सहारा लेने के संदेह पर उसका परिणाम रोक दिया गया है।
जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल, गोधरा के पदाधिकारियों और ट्रस्टी पर 5 मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा में कदाचार का आरोप लगा था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। छात्र ने हाईकोर्ट में अपील करते हुए कहा कि वह एनटीए को आदेश दें कि उसका रिजल्ट जारी किया जाए, जिससे कि वह आगे प्रवेश ले सके।
सिंगल जज बेन्च ने 29 अगस्त को छात्र की याचिका खारिज कर दी और अपने आदेश में कहा, "यदि याचिकाकर्ता का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया जाता है और बाद में याचिकाकर्ता को कदाचार का दोषी पाया जाता है, तो परिणाम यह होगा कि याचिकाकर्ता का नीट परिणाम रद्द किया जा सकता है। छात्र ने अब सिंगल जज के आदेश के खिलाफ अपील की है, और एक खंडपीठ ने अपील पर अगले सप्ताह सुनवाई तय की है।
गोधरा स्थित जय जलाराम इंटरनेशनल स्कूल के अधिकारियों और ट्रस्टी पर नीट 2024 परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप है। सीबीआई देश भर में हुए इस घोटाले की जांच कर रही है। माीडिया रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ता छात्र ने नीट में 720 में से 106 अंक प्राप्त किए थे। एनटीए की वेबसाइट पर उसका यही स्कोर दिखाया गया। लेकिन एनटीए ने शक होने पर उसका रिजल्ट रोक दिया है।
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याचिकाकर्ता छात्र ने हाईकोर्ट से अपील की है कि वह एनटीए को उसका रिजल्ट जारी करने का निर्देश दें, जिससे कि वह राजस्थान के एक वेटरिनेरी कॉलेज में एडमिशन पा सके। छात्र का कहना है कि वह पहले ही कॉलेज में 2.50 लाख रुपये की फीस जमा कर चुका है। एडमिशन के लिए उसे अपना नीट रिजल्ट सबमिट करना होगा, जिसे एनटीए ने रोका हुआ है।
छात्र ने सीबीआई पूछताछ में बताया कि उसने परीक्षा में केवल 88 प्रश्न हल किए और 720 अंकों में से 106 अंक प्राप्त किए, जो स्पष्ट करता है कि याचिकाकर्ता को परीक्षा में औसत अंक मिले और परिणाम याचिकाकर्ता की योग्यता के अनुसार काफी बढ़ा चढ़ा कर या अप्रत्याशित नहीं था।