NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी परीक्षा रद्द करने से किया इनकार; 40 से अधिक याचिकाओं पर हुई सुनवाई

Abhay Pratap Singh | July 23, 2024 | 06:09 PM IST | 1 min read

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, रिकॉर्ड में उपलब्ध आंकड़े नीट यूजी प्रश्नपत्र के लीक होने का संकेत नहीं देते है।

नीट यूजी 2024 परीक्षा दोबारा नहीं होगी। (स्त्रोत- आधिकारिक वेबसाइट-एससी/लाइव स्ट्रीमिंग)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को आयोजित की गई राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा - अंडरग्रेजुएड 2024 (NEET UG 2024) को रद्द करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि नीट यूजी 2024 परीक्षा फिर से आयोजित करना उचित नहीं है।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ कथित नीट पेपर लीक और अनियमितताओं के कारण फिर से परीक्षा कराने की मांग वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ में जस्टित जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे।

नीट यूजी 2024 कथित पेपर लीक मामले की सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीआई चंद्रचूड़ ने कहा, “रिकॉर्ड में उपलब्ध डेटा प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देता है, जिससे परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिलता हो।”

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Supreme Court hearing on NEET UG 2024: एससी के निष्कर्ष

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी तथा केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की दलीलें सुनने के बाद निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले:

  1. नीट यूजी 2024 पेपर लीक हुआ था।
  2. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छह रिपोर्ट दर्ज की हैं और जांच अभी भी जारी है।
  3. वर्तमान में, रिकॉर्ड में ऐसी पर्याप्त सामग्री का अभाव है, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि नीट परिणाम 2024 में गड़बड़ी थी या परीक्षा की पवित्रता में प्रणालीगत उल्लंघन हुआ था।
  4. रिकॉर्ड में प्राप्त डेटा प्रश्नपत्र के ‘व्यवस्थित’ लीक का संकेत नहीं देता है, जिससे NEET 2024 की पवित्रता से समझौता हो।
  5. सुप्रीम कोर्ट जानता है कि नीट यूजी परीक्षा को दोबारा आयोजित करने का आदेश देने से छात्रों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
  6. इससे मेडिकल कोर्स के लिए दाखिले की प्रक्रिया बाधित होगी, शिक्षा का पाठ्यक्रम प्रभावित होगा, भविष्य में डॉक्टरों की उपलब्धता प्रभावित होगी और गरीब छात्रों को नुकसान होगा।
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