नीट यूजी पेपर लीक मामले में चारों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र मिला था और उन्होंने इसका इस्तेमाल उत्तर याद करने के लिए किया था।
Saurabh Pandey | June 20, 2024 | 06:19 PM IST
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार यानी 20 जून को सुनवाई के दौरान नीट यूजी की दोबारा परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। नीट यूजी परीक्षा उन 1563 उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जा रही है, जिन्हें परीक्षा में ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। नीट यूजी परीक्षा 23 जून को होने वाली है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स देने के विवादास्पद फैसले को रद्द करते हुए उन्हें दोबारा परीक्षा देने का विकल्प दिया है।
उन उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा का विकल्प देने के एनटीए के फैसले को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दायर की गई थी, जिस पर जस्टिस विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की अवकाश पीठ ने विचार किया। हालांकि पीठ याचिका पर नोटिस जारी करने पर सहमत हो गई, लेकिन उसने दोबारा परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि दोबारा परीक्षा कराना नियमों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा परीक्षा पर रोक नहीं लगाई जाती है तो एनटीए "पूरा होगा" के तर्क का इस्तेमाल करेगा। हालांकि, पीठ सहमत नहीं हुई और याचिका को संबंधित याचिकाओं के साथ 8 जुलाई के लिए पोस्ट कर दिया।
मास्टरमाइंड अमित आनंद के कबूलनामे ने सबको चौंका दिया है। उसके मुतबिक उन्होंने लीक की साजिश रचने की बात स्वीकार की और खुलासा किया कि उम्मीदवारों को लीक हुआ पेपर और उत्तर 30 से 32 लाख रुपये की कीमत पर उपलब्ध कराए गए थे।
दरअसल नीट यूजी परीक्षा रिजल्ट जारी होने के बाद कथित तौर पर पेपर लीक की बात सामने आई थी। इस मामले में पुलिस ने मास्टर माइंड और आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपियों ने पुलिस के पेपर लीक की बात कबूल की है। इनमें मुख्य आरोपी सिंकदर यादवेंदु नगर परिषद दानापुर में जूनियर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। इसके साथ ही अमित आनंद, अनुराग यादव और नीतीश कुमार का भी नाम शामिल है। इन सभी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
मेरा दोस्ती सिकंदर प्र० यादवेन्दु से है, जिनसे मेरा मुलाकात नगर परिषद दानापुर के कार्यालय में नीतीश कुमार के साथ हुई। वहीं पर कुछ अपना नीजि कार्य लेकर गया था, बातचीत के सिलसिले में बताया कि किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक कर बच्चा को पास कराता हूं। बातचीत के क्रम में सिकंदर प्र० यादवेन्दु द्वारा बताया कि मेरे पास भी 04-05 लड़का हैं, जिसे आप परीक्षा में पास करा दीजिए, जो नीट का तैयारी कर रहा है। उसे पास करा देना है। इसके बदले मैं तथा नीतिश कुमार ने बताया कि 30-32 लाख रुपया लगेगा तो सिकंदर प्र० यादवेन्दु तैयार हो गए। बताया कि 04 लड़का हम आपको देंगे।
इसी बीच नीट का परीक्षा आ गया तथा सिकंदर प्र० यादवेन्दु द्वारा बताया गया कि चारों लड़का को कब बुलाएं तो मैने बताया कि 04.05.24 के रात्रि में बुलाइए, जहां पर नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करवाकर सभी बच्चों को उत्तर के साथ पढ़वाया एवं रटवाया जा रहा था। सिकंदर प्र० यादवेन्दु को पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर सिकंदर प्र० यादवेन्दु के निशानदेही पर हमलोग भी पकड़े गए। हमारे फ्लैट से किराये के मकान कुलदीप बीमा आदित्य अपार्टमेंट के फ्लैट नं0-202 से विभिन्न परीक्षा का एडमिट कार्ड एवं नीट परीक्षा का प्रश्न एवं उत्तर का जला हुआ अवशेष भाग को पुलिस द्वारा जप्त किया गया। मैं पहले भी इस तरह का काम किया हूं। मैं अपना अपराध स्वीकार किया।
इस मामले में अब तक बिहार से ताल्लुक रखने वाले 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए लोगों में 4 परीक्षार्थी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा, ईओयू ने जांच में शामिल होने के लिए 9 उम्मीदवारों (बिहार से 7 और उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से 1-1) को नोटिस जारी किया है।
नीट यूजी पेपर लीक मामले में चारों आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र मिला था और उन्होंने इसका इस्तेमाल उत्तर याद करने के लिए किया था। नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी है। सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
बता दें कि नीट यूजी परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी। परीक्षा में लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया था। जबकि परिणाम 14 जून को आने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन पूरा होने के कारण एनटीए ने रिजल्ट 4 जून को ही घोषित कर दिया था।
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पीएम ने रूस-यूक्रेन युद्ध तो रोक दिया लेकिन अपने देश में पेपर लीक नहीं रोक पा रहे हैं। राहुल ने कहा, "पेपर लीक के पीछे की वजह यह है कि बीजेपी के पैरेंट ऑर्गनाइजेशन ने शिक्षा व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है।
Santosh Kumar