पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने कहा कि अगर पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है और धोखाधड़ी के लाभार्थियों को ईमानदार उम्मीदवारों से अलग करना असंभव है, तो दोबारा परीक्षा कराना जरूरी हो सकता है।
Saurabh Pandey | July 18, 2024 | 08:13 AM IST
नई दिल्ली : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित नीट यूजी परीक्षा के कथित पेपर लीक और कदाचार के मामले को लेकर परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज यानी 18 जुलाई को सुनवाई करेगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ सुबह 10.30 बजे के बाद मामले की सुनवाई करेगी। नीट मामलों को आइटम 5 से 9 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 18 जुलाई की वाद सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जिनमें राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा स्थानांतरण की मांग करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने यह कहते हुए दोबारा परीक्षा की मांग का विरोध किया है कि कदाचार स्थानीय हैं और इससे पूरी परीक्षा की शुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा है। केंद्र ने यह तर्क देने के लिए आईआईटी मद्रास द्वारा तैयार डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट का हवाला दिया कि कोई प्रणालीगत विफलता नहीं थी क्योंकि रिपोर्ट में किसी भी सामूहिक कदाचार का संकेत नहीं दिया गया था।
बता दें कि शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को उन याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी, जिनमें परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा देने और एनईईटी-यूजी 2024 के संचालन में कथित कदाचार की जांच की मांग करने वाली याचिकाएं केंद्र के जवाब के रूप में शामिल थीं।