Abhay Pratap Singh | June 13, 2024 | 08:15 AM IST | 2 mins read
नीट यूजी 2024 अभ्यर्थी आयुषी पटेल ने एनटीए पर उनका नीट परिणाम जारी नहीं करने और मेल पर फटी हुई ओएमआर शीट मिलने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) से एक छात्रा के मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा है, जिसने आरोप लगाया है कि उसे अभी तक अपना नीट परिणाम नहीं मिला है। पीठ ने मामले में अगली सुनवाई की तिथि 18 जून तय की है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस राजेश सिंह चौहान की वेकेशन बेंच ने नीट छात्रा आयुषी पटेल द्वारा दायर रिट याचिका पर यह आदेश पारित किया है। याचिकाकर्ता आयुषी ने अपनी याचिका में एनटीए पर उनका परिणाम घोषित नहीं करने और फटी हुई ओएमआर शीट मिलने का आरोप लगाया है।
याचिकाकर्ता ने अपनी ओएमआर शीट का मैन्युअली मूल्यांकन करने, एनटीए के खिलाफ जांच की मांग और परीक्षा के लिए काउंसलिंग रोकने की मांग की है। आयुषी ने दावा किया कि उनकी ओएमआर शीट सही सलामत थी, लेकिन एनटीए ने उन्हें एक संदेश में बताया कि उनकी ओएमआर शीट फटी हुई पाई गई थी। जिस कारण उनका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा।
याचिका का विरोध करते हुए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने याचिकाकर्ता की मूल ओएमआर शीट, स्कोरकार्ड और उपस्थिति शीट पेश की। एनटीए ने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि इतना कुछ होने के बावजूद याचिकाकर्ता ई-मेल क्यों भेज रहा है?
सुनवाई के दौरान, अदालत ने पाया कि छात्रा की ओएमआर शीट पर आवेदन संख्या उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल में दिए गए आवेदन संख्या से अलग थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर मूल रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है।
बता दें कि, नीट यूजी परिणाम 2024 जारी होने के बाद से ही रिजल्ट को लेकर विवाद शुरू हो गया है। नीट परिणाम में 67 छात्रों ने समान रैंक हासिल कर टॉप किया, जिसके बाद तमाम छात्रों ने एनटीए पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने और काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।