NEET Supreme Court Hearing: कोर्ट में केंद्र का दावा- कदाचार के बड़े संकेत नहीं, 18 जुलाई को अगली सुनवाई

केंद्र ने कहा कि नीट यूजी 2024 परिणामों का डेटा विश्लेषण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास द्वारा किया गया था और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार, परीक्षा में बड़े पैमाने पर कोई अनियमितता नहीं देखी गई।

नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी। (इमेज-विकिमीडिया कॉमन्स)नीट यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी। (इमेज-विकिमीडिया कॉमन्स)

Press Trust of India | July 11, 2024 | 02:34 PM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नीट यूजी 2024 में अनियमितताओं से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए टाल दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने बताया कि कुछ याचिकाकर्ताओं के वकीलों को अभी तक केंद्र और एनटीए की ओर से दाखिल हलफनामे नहीं मिले हैं। इस वजह से अगली सुनवाई अगले गुरुवार को होगी। गौरतलब है कि केंद्र और एनटीए ने शीर्ष अदालत के 8 जुलाई के आदेश के बाद अपने हलफनामे दाखिल किए हैं।

शीर्ष अदालत नीट यूजी 2024 से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिसमें 5 मई की परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली याचिकाएं शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

Background wave

वहीं, दूसरी ओर केंद्र ने बुधवार (10 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी 2024’ में न तो ‘बड़े पैमाने पर गड़बड़ी’ के कोई संकेत मिले हैं और न ही ऐसे कोई संकेत मिले हैं कि स्थानीय उम्मीदवारों के किसी समूह को लाभ पहुंचा हो।

केंद्र ने कहा कि नीट यूजी 2024 परिणामों का डेटा विश्लेषण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास द्वारा किया गया था और विशेषज्ञों के निष्कर्षों के अनुसार, परीक्षा में बड़े पैमाने पर कोई अनियमितता नहीं देखी गई।

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NEET UG Counselling 2024: काउंसलिंग जुलाई के तीसरे हफ्ते से

कोर्ट में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में केंद्र ने कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होकर 4 चरणों में होगी। इस बीच, एनटीए ने भी शीर्ष अदालत में एक अलग अतिरिक्त हलफनामा दायर किया और कहा कि उसने राष्ट्रीय, राज्य, शहर और केंद्रीय स्तर पर नीट-यूजी 2024 में अंकों के वितरण का विश्लेषण किया है।

एनटीए ने अपने हलफनामे में कहा, "इस विश्लेषण से पता चलता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक नहीं लगता है जो अंकों के वितरण को प्रभावित करेगा।" इसने प्रश्नपत्रों की गुप्त छपाई, परिवहन और वितरण के लिए अपनाई गई प्रणाली का विवरण भी दिया।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई की। इन याचिकाओं में 5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं और इसे फिर से आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। 8 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नीट-यूजी 2024 की पवित्रता का "उल्लंघन" किया गया है।

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