सीबीआई ने प्रश्नपत्र लीक मामले में अब तक बिहार से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि गुजरात के लातूर और गोधरा में कथित धांधली के सिलसिले में एक-एक व्यक्ति और देहरादून से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
Press Trust of India | July 9, 2024 | 10:53 PM IST
नई दिल्ली: सीबीआई ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट-यूजी' के प्रश्नपत्र के कथित लीक मामले में पटना से एक अभ्यर्थी समेत दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही मामले में एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 11 हो गई है। अधिकारियों ने आज यानी 10 जुलाई को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब सीबीआई ने नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में किसी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों ने बताया कि नालंदा निवासी नीट यूजी अभ्यर्थी सन्नी और गया निवासी दूसरे अभ्यर्थी रंजीत कुमार के पिता को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने नीट-यूजी प्रश्नपत्र लीक मामले में अब तक बिहार से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि गुजरात के लातूर और गोधरा में कथित धांधली के सिलसिले में एक-एक व्यक्ति और साजिश के सिलसिले में देहरादून से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
सीबीआई ने इससे पहले हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल तथा दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन पर कथित तौर पर नीट अभ्यर्थियों को सुरक्षित परिसर मुहैया कराने का आरोप था। बिहार पुलिस ने इसी परिसर से जले हुए प्रश्नपत्र बरामद किए थे।
मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने 6 एफआईआर दर्ज की हैं। बिहार में दर्ज एफआईआर प्रश्नपत्र लीक होने से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा देने और धोखाधड़ी से संबंधित हैं।
एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 5 मई को 14 विदेशी शहरों सहित 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट परीक्षा 2024 आयोजित की गई थी। परीक्षा में 23 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक मामले, परीक्षा रद्द करने की मांग और अनियमितताओं आदि से जुड़ी याचिकाओं पर अपना रुख साफ कर दिया है।
सीजेआई ने कहा है कि नीट यूजी पेपर लीक मामले से इनकार नहीं किया जा सकता। अगर परीक्षा की गोपनीयता बड़े पैमाने पर भंग हुई है तो दोबारा परीक्षाएं कराई जानी चाहिए। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल द्वारा मांगी गई सभी जानकारियां साझा करने के लिए गुरुवार (11 जुलाई) तक का समय दिया है।