NEET PG Postponed 2024: नीट पीजी स्थगित करने पर SFI और अन्य संगठनों ने की जांच की मांग; बताया- ‘छात्र विरोधी’

एआईएसए ने कहा कि केंद्र ने 1,563 नीट उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा कराने की पेशकश की, यूजीसी नेट जून 2024 को रद्द कर दिया और अब नीट पीजी 2024 स्थगित कर दी।

छात्र संघ ने मांगें पूरी न होने पर मोदी सरकार को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। (स्त्रोत- 'एक्स' SFI)छात्र संघ ने मांगें पूरी न होने पर मोदी सरकार को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। (स्त्रोत- 'एक्स' SFI)

Abhay Pratap Singh | June 23, 2024 | 12:48 PM IST

नई दिल्ली: नीट पीजी 2024 परीक्षा स्थगित होने के बाद विभिन्न छात्रों और मेडिकल समूहों ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए स्पष्टीकरण की मांग की है। वहीं, एसएफआई, एआईएसए, एफएआईएमए सहित अन्य छात्र संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा कई परीक्षाओं को रद्द और स्थगित करने को ‘छात्र विरोधी’ बताया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने ‘परीक्षा प्रक्रिया की पवित्रता’ बनाए रखने के लिए आज यानी 23 जून को होने वाली राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा - स्नातकोत्तर (NEET PG) परीक्षा स्थगित कर दी। मंत्रालय ने बताया कि नई NEET PG परीक्षा तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी। वहीं, छात्र संगठनों ने परीक्षा एजेंसी एनटीए को ‘अक्षम’ बताया है।

Background wave

स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने एनटीए को पूरी तरह से खत्म करने, धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे और परीक्षाओं के ‘असमय’ स्थगन से प्रभावित छात्रों को मुआवजा देने की मांग की है। एसएफआई ने परीक्षा स्थगित को ‘छात्र विरोधी’ बताते हुए कहा कि एनटीए डीजी को हटाने से शिक्षा मंत्रालय छात्रों के गुस्से से नहीं बच पाएगा।

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फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने इसे ‘बेहद शर्मनाक’ बताते हुए कहा कि, “तय समय से ठीक एक दिन पहले NEET PG परीक्षा स्थगित कर दी गई। यह उन डॉक्टरों का उत्पीड़न है जिन्होंने यात्रा की, पैसा और समय खर्च किया। एक सुनियोजित परीक्षा के प्रबंधन में सरकार की अक्षमता अस्वीकार्य है। हम तत्काल स्पष्टीकरण की मांग करते हैं।”

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने कहा कि, इस सरकार को पेपर लीक की संख्या के लिए याद किया जाएगा। एनटीए के निदेशक को बदलकर मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से स्वीकार कर लिया है कि प्रमुख निकाय का कामकाज शुरू से ही संदिग्ध और कदाचार से भरा रहा है।”

आइसा ने लाखों छात्रों का जीवन बर्बाद करने के लिए धर्मेंद्र प्रधान, यूजीसी प्रमुख जगदीश कुमार और पूर्व एनटीए महानिदेशक सुबोध कुमार की भूमिका की न्यायिक जांच की मांग की है। इसके साथ ही, छात्र संघ ने सुबोध कुमार सिंह और यूजीसी प्रमुख ममीडाला जगदीश कुमार के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की भी मांग की है।

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