MPPSC ‘भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद’ के कारण नहीं दिखा रहा आंसर शीट - जीतू पटवारी; आयोग ने आरोपों को किया खारिज

राज्य के बेरोजगार युवा अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर इंदौर स्थित एमपीपीएससी मुख्यालय के सामने बुधवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं।

पटवारी ने एमपीपीएससी की आयोजित भर्ती परीक्षाओं में धांधली का आरोप लगाया है। (स्त्रोत-एक्स/जीतू पटवारी)
पटवारी ने एमपीपीएससी की आयोजित भर्ती परीक्षाओं में धांधली का आरोप लगाया है। (स्त्रोत-एक्स/जीतू पटवारी)

Press Trust of India | December 20, 2024 | 03:25 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बृहस्पतिवार (19 दिसंबर, 2024) को आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिकाएं उम्मीदवारों को दिखाने का सिलसिला भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के कारण बंद कर दिया है। हालांकि, आयोग ने इन आरोपों को खारिज किया है।

एमपीपीएससी ने पटवारी के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण के मसले की कानूनी पेचीदगियों के कारण फिलहाल वह उम्मीदवारों को उनकी उत्तरपुस्तिकाएं दिखाने में असमर्थ है। राज्य के बेरोजगार युवा अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर इंदौर स्थित एमपीपीएससी मुख्यालय के सामने बुधवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे पटवारी ने एमपीपीएससी की आयोजित भर्ती परीक्षाओं में धांधली का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि एमपीपीएससी ने उम्मीदवारों को उनकी उत्तरपुस्तिकाएं दिखाने का क्रम कथित तौर पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के कारण वर्ष 2019 से बंद कर दिया है। पटवारी ने कहा, ‘‘प्रदेश में हर साल करीब पांच लाख लोग राज्य सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करते हैं, लेकिन इस परीक्षा के जरिए होने वाली भर्ती के पदों की तादाद महज 110 पर सिमट गई है। यह उम्मीदवारों के साथ नाइंसाफी की पराकाष्ठा है।’’

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकार से मांग की है कि भर्ती परीक्षाओं के उम्मीदवारों के भविष्य के साथ ‘‘खिलवाड़’’ रोका जाए और बड़ी तादाद में खाली पड़े पदों को भरा जाए। उम्मीदवारों का कहना है कि राज्य की सरकारी नौकरियों में ओबीसी आरक्षण का स्तर 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने का मुकदमा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित होने का हवाला देते हुए एमपीपीएससी कुल विज्ञापित पदों में से केवल 87 प्रतिशत पदों पर भर्ती कर रहा है और बाकी 13 प्रतिशत पदों पर नियुक्तियां अटकी हुई हैं।

एमपीपीएससी के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ओएसडी) रवींद्र पंचभाई ने कहा, ‘‘ओबीसी आरक्षण का मुकदमा अदालत में विचाराधीन होने के कारण हम 2019 से भर्ती परीक्षाओं के अधूरे परिणाम घोषित कर रहे हैं। मुकदमे के अंतिम फैसले तक भर्ती परीक्षाओं की गोपनीयता को बरकरार रखा जाना जरूरी है, इसलिए फिलहाल उम्मीदवारों को उनकी उत्तरपुस्तिकाएं नहीं दिखाई जा सकतीं।’’

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