Press Trust of India | December 17, 2025 | 10:41 AM IST | 1 min read
इस पहल का उद्देश्य कैडेवर को तेजी से ट्रांसपोर्ट करना, लैब नमूनों को तेजी से भेजना, सुरक्षा निगरानी और आपदा राहत कार्यों को और प्रभावी बनाना है।

जयपुर: महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, जयपुर (MGUMST Jaipur) ने 16 दिसंबर, 2025 को ड्रोन-आधारित मेडिकल और सुरक्षा सेवाएं अपनाने की योजना की घोषणा की है। संस्थान ने इसके लिए ड्रोन बनाने वाली एक कंपनी के साथ समझौता किया है।
अधिकारियों के अनुसार, इस परिचालन को शुरू करने के लिए जरूरी मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। इस पहल का उद्देश्य कैडेवर (मृत शरीर से प्राप्त अंग) को तेजी से ट्रांसपोर्ट करना, लैब नमूनों को तेजी से भेजना, सुरक्षा निगरानी और आपदा राहत कार्यों को और प्रभावी बनाना है।
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मुख्य परिचालन अधिकारी सुकांत दास और विपणन निदेशक वीरेंद्र पारेख ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी 'कैडेवर' को तेजी से कहीं पहुंचाने में खास तौर पर महत्वपूर्ण साबित होगी।
उन्होंने कहा, “ड्रोन प्रौद्योगिकी से अंग प्रत्यारोपण की सफलता दर में काफी सुधार होगा। इससे लैब और डायग्नोस्टिक सैंपल के परिवहन में क्रांति आएगी। तापमान-नियंत्रित ड्रोन बॉक्स रक्त, बायोप्सी और अन्य संवेदनशील नमूनों को जांच केंद्र तक जल्दी पहुंचाने में मदद करेंगे।”